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582/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
व्यवसाय - सीमेन्ट सिनेमा आदि। विवाह - 1936 में पत्नी का नाम - श्रीमती कुसुम,श्री मिश्रीलाल जी गंगवाल के परिवार में श्री फूलचन्द जी गंगपाल इन्दौर की सुपुत्री। विशेष : धार्मिक
1. सरसेठ हुकमचन्द जी, आपके पिता रायबहादुर कस्तूरचंद जी एवं रायबहादुर कल्याणमल जी ने मिलकर इन्दौर में कांच मंदिर का निर्माण करवाया।
2- तीर्थयात्रा प्रेमी हैं अब तक सभी तीथों की वंदना कर चुके हैं। 3-सिद्धवरकूट के पास मंदिर का निर्माण करवाया।
4. आपकी पत्नी श्रीमती कुसुम ने तथा पुत्रवधू श्रीमती विमला देवी दशलक्षण एवं अष्टान्हिका व्रत के दस और आठ उपवास कर चुकी हैं।
5- मुनि महाराजों को वैय्यावृत्ति एवं आहार देने में पूर्ण रुचि रहती है । पूजा पाठ,देव दर्शन आदि का नियम है । सामाजिक सेवा :
समाजसेवा के क्षेत्र में आप आत्मप्रेरणा से आये है । जिस कार्य को हाथ में लेते हैं उसमें सब सहयोगियों के साथ तन मन धन से लग जाते हैं। इन्दौर जैन समाज के अत्यधिक लोकप्रिय नेता हैं तथा वर्तमान में भा.दि.जैन महासमिति के उपाध्यक्ष हैं तथा स्थानीय बीसों ट्रस्टों के अध्यक्ष हैं।
2- तीर्थबंदना रथ का निर्माण आपको ही देखरेख में हुआ था | इस रथ का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति श्री जैलसिंह जी ने किया था।
3. मा.दि.जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के उपाध्यक्ष,ऊन,पावागिर, सिद्धवरकूट,चूलगिरी बावनगजा,मक्सी पार्श्वनाथ तीर्थ क्षेत्रों के अध्यक्ष।
4. जनमंगल कलश को भी आपकी देखरेख में ही बनवाया।
5- गोमटेश्वर जन कल्याण ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी । इस ट्रस्ट के अन्तर्गत सरस मेडिकल वाहन द्वारा गांवों में निशुल्क दवा वितरित की जाती है।
6- वीर निर्वाण 2500 वाँ वर्ष में स्थापित महावीर ट्रस्ट के वर्तमान अध्यक्ष । धर्मचक्र का प्रवर्तन,मध्यप्रदेश का इन्दौर से प्रर्वतन कराने में प्रमुख हाथ ।
7.ब.कोशलजी के प्रवचनों का संकलन प्रकाशित करवाया । पुष्पदन्त जी महाराज के प्रवचनों का संकलन | 8- कस्तूरचंद विद्यामंदिर (प्राइमरी स्कूल) आपके ट्रस्ट से संचालन करते हैं ।