Book Title: Jain Samaj ka Bruhad Itihas
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 697
________________ 682/ जैन समाज का वहद इतिहास श्री नाथूलाल जैन चौधरी मोजमावाद (जयपुर) के काली हवेली वाले स्व. श्री माणकचन्द जी चौधरी के सुपुत्र श्रा नाथूलाल जी गत 30 वर्षों से राजस्थान शिक्षा सेवा में कार्यरत हैं तथा विगत 11 वर्षों से राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक हैं ! नागरिक सुरक्षा सेवा में 25 वर्षों से सैक्टर वार्डन तथा 10 वर्षों से पोस्ट वार्डन हैं। ___आपका जन्म । जुलाई सन् 1939 को हुआ। बी.एम.टी.सी.करने के पश्चात् शिक्षा क्षेत्र में चले गए 1 आपकी धर्मपत्नी श्रीमती शान्तिदेवी गृह कार्य में एवं आतिथ्य में प्रवीण है तथा दो पुत्र पवन कुमार,जीवन कुमार तथा चार पुत्रियाँ श्रीमती किरण,श्रीमती वनिता, सुश्री मुनिता एवं सुश्री ज्योति को जननी हैं । प्रथम दोनों पुत्रियाँ ग्रेज्यूएट हैं। पवन कुमार का विवाह हो चुका है। ___श्री चौधरी सामाजिक सेवा में रुचि लेते हैं तथा कितनी ही सामाजिक संस्थाओं के क्रियाशील सदस्य हैं । स्वभाव से सरल एवं मधुर भाषी हैं। पता - मकान नं.2188, पंडित शिवदीन जी का रास्ता,किशनपोल बाजार, जयपुर स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देश को साम्राज्यवादी दासता से मुक्त कराने दाले स्वतंत्रता आंदोलन में जैन समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा । अन्य स्वाधीनता सेनानियों के समान जैन समाज के सपूतों ने भी अपनी जीविका एवं व्यवसाय के लात मार कर पुलिस की लाठियों तथा गोलियों का प्रहार झेलने एवं शासकों की जेलों को आबाद करने के लिये घर से निकल पड़े और अपने त्याग एवं बलिदान से शोषण एवं हिंसा का मुकाबला करके इतिहास के शानदार पृष्ठ जोड़े। राजस्थान मालवा उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में जहां जैन समाज अच्छी संख्या में निवास करता है वहां के सैंकड़ों हजारों जैद युवक एवं वृद्ध सत्याग्रह करते हुये जेल गये, अनेक प्रकार की यातनाओं को सहन किया और जब तक देश आजाद नहीं हुआ तब तक विभिन्न आंदोलनों में भाग लेते रहे । इन स्वतंत्रता सेनानियों की इतनी अधिक संख्या हैं कि उनका सूचीकरण | भी कठिन होगा फिर जिन्होंने अपने नाम के आगे जैन शब्द नहीं लगाया उनको पहिचान कर पाना भी कठिन है । इसलिये जो सामग्री हमें उपलब्ध हो सकी हैं उसी के आधार पर हम स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का उल्लेख करेंगे। राजस्थान में श्री अर्जुनलाल सेठो स्वतंत्रता आंदोलन के जनक थे । आपका परिचय पहले दिया जा चुका है। जयपुर में स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय योगदान देने वालों तथा जेल यात्रा करने वालों में सर्व स्व.श्री गुलाबचन्द कासलीवाल,श्री बंशीलाल लुहाड़िया,श्री रूपचंद सौगानी,श्री सिद्धराज हवा के नाम उल्लेखनीय हैं ।

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