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आपकी अब तक
1- जैव धनराज
2. एनशियंट सिटीज एंड टाऊन्स आफ राज
3- मालवा थ्रू दि एजेज
4- लार्ड महावीर एण्ड हिज टाइम्स
मालवा प्रदेश का जैन समाज /581
5- प्रिहिस्ट्री एण्ड प्रोटो हिस्ट्री आफ इंडिय
- प्राचीन भारत में सामाजिक एवं आर्थिक संस्थाएं, एवं करीब 100 लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
श्रीमती चन्द्रकला धर्मपत्नी डॉ. कैलाश आप सन् 1955 से 1964 तक राजस्थान के सरकारी महाविद्यालयों में इतिहास के प्राध्यापक रहे। इसके पश्चात् प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 1964 से 1969 तक लेक्चरार, 1969 से 1978 तक रीडर, 1978 से प्रोफेसर एवं अध्यक्ष हैं।
श्री घमण्डीलाल बोहरा
स्व. किशनलाल जी बोहरा के सुपुत्र श्री घमण्डीलाल बोहरा का जन्म वैशाख सुदी 1 संवत् 1973 को हुआ। हाईस्कूल की परीक्षा पास करने के पश्चात् आप व्यवसाय की ओर मुड़े तथा बाग बगीचा व्यवसाय करने लगे। फाल्गुण सुदी 3 संवत् 1990 को आपका विवाह श्रीमती जतनबाई से हुआ जिनका करीब 20 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है। आपको चार पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है।
श्री देवकुमार सिंह कासलीवाल
श्री बोहरा का धार्मिक जीवन रहा है। सन् 1991 में आयोजित बावनगजा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आपने कुबेर पद को प्राप्त किया। आप मुनि भक्त हैं तथा मुनियों को आहार देते रहते हैं। एक बार दशलक्षण बत के उपवास कर चुके हैं।
पता : चेतनराम बाग (महेन्द्र टाकीज) बडवानी (खरगोन) एम.पी
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पिता रायबहादुर श्री कस्तूरचंद जी सन् 1930 में 44 वर्ष की आयु में आपके तीन विवाह हुये । व्यवसाय में उन्नति एवं किंग एडवर्ड हास्पिटल में एक बड़ा ब्लाक बनवाने के उपलक्ष में ब्रिटिश सरकार ने आपको रायबहादुर की उपाधि से अलंकृत किया ।
माता श्रीमती अनोपबाई - सन् 1911 में स्वर्गवास, पुत्री विनोदीराम बालचन्द झालरापाटन, रायबहादुर श्री कस्तूरचन्द जी की प्रथम पत्नी ।
जन्मतिथि - 14 जनवरी 1922), शिक्षा - एम. ए. वर्ष 1941 एल.एल.बी. 1943 इन्दौर में