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. यशस्वी समाजसेवी/669
जयपुर का सेठ बंजीलाल ठोलिया परिवार " .....
जयपुर नगर का सेठ बंजीलाल ठोलिया परिवार सारे देश में प्रसिद्ध परिवार माना जाता है । विगत 100-125 वर्षों से इस परिवार के सदस्यों ने जवाहरात के व्यवसाय में विश्व में अपना विशिष्ट स्थान बनाया तथा देश एवं समाज में अपनी सेवाओं के कारण विशेष ख्याति प्राप्त की। इस परिवार के सेठ बंजीलाल ठोलिया,सेठ गोपीचन्द ठोलिया एवं सेठ सुन्दरलाल ठोलिया समाज में राष्ट्रीय स्तर के नेता थे और जयपुर के ठोलिया परिवार का सर्वत्र नाम था।
सेठ बंजीलाल ठोलिया के पूर्वज कुली ग्राम के रहने वाले थे जहाँ ठोलियों का पंचायती कलात्मक मंदिर आज भी प्रसिद्धि प्राप्त मंदिर है। कली प्रामसे ठोलिया परिवार सांगानेर आकर बस गये और वहाँ भी ठोलियों का मंदिर है जिसमें मकराने की कलात्मक वेदी में प्राचीन एनं मनोरम मूर्तियाँ विराजमान हैं । जब ठोलिया परिवार जयपुर आ गया तो यहाँ भी ठोलियों का मंदिर के नाम से जैतराम जी ठोलिया ने विशाल मंदिर का निर्माण करवाया और जिसमें विराजमान बिल्लोरी पाषाण की पूर्तियाँ सारे देश में प्रसिद्ध हैं जिनके दर्शनार्थ प्रतिवर्ष हजारों यात्री आते रहते हैं।
सेठ बंजीलाल जी का जन्म आषाढ़ सुदी पंचमी संवत् 1914 को हुआ। आपके पिताजी श्री कालूराम जी गोटे एवं बटुये बनाने का छोटा सा धन्धा किया करते थे । आप अपने पैतृक व्यवसाय को छोड़कर जवाहरात के व्यवसाय की ओर मुड़े । सर्वप्रथम इस व्यवसाय में निपुणता प्राप्त को और अपनी लग्न एवं सूझबूझ से अल्प अवधि में ही आप अच्छे व्यापारियों में गिने जाने लगे । सेठ साहब ने उस समय जयपुर से जवाहरात व्यवसाय का विदेशों से सम्पर्क बनाया और आयात निर्यात का व्यवसाय कर दिया । आप देश के अपणी व्यापारियों में गिने जाने लगे । विदेशी व्यवसायी मी आपसे जवाहरात का कार्य सीखने आते थे इसमें पेरिस के विरोजन पाल का नाम विशेषतः उल्लेखनीय है । एक बार तो जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह जी जब लंदन जाने लगे तो आपने महाराजा को लंदन की फर्म पिटार्स पर हुण्डी लिखकर दी थी।
संतान :- सेठ साहब के पांच पुत्र गोपीचंदजी,हरकचंदजी, सुन्दरलाल जी,पूनमचंद जी एवं ताराचन्द जी एवं दो पुत्रियाँ बन्दोबाई एवं सूरजबाई हुई । इनमें चन्दोबाई धर्मपत्नी श्री प्रकाशचन्द जी कासलीवाल का आशीर्वाद प्राप्त है । सेठ साहब के प्रमुख पुत्र, पौत्र एवं प्रपोवों का परिचय निम्न प्रकार है:श्री गोपीचन्द जी ठोलिया
___ श्री गोपीचंद जी सेठ बंजीलाल जी ठोलिया के ज्येष्ठ पुत्र थे । आपका जन्म श्रावण कृष्णा अष्टमी संवत् 1942 को शुआ। आपने मास्टर अर्जुनलाल जी सेठी के विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। 13 वर्ष की आयु में ही आपने पिताजी के साथ कारोबार में हाथ बंटाना शुरू किया । आप बहुत ही सादगी पसन्द व्यक्ति थे । आपने सामाजिक, पारिवारिक व धार्मिक कार्य में भी अपना काफी समय दिया । राजदरबार में आपको कुर्सी प्राप्त थी । कई वर्षों तक आप आनरेरी मजिस्ट्रेट रहे । नगरपालिका, टेलीफोन विभाग, यादगार मेमोरियल,लार्ड मेयो हास्पिटल,जल विभाग, बिजली आदि कई राजकीय संस्थाओं की समितियों में सदस्य रहे । ज्वैलर्स ऐसोसियेशन के आप संस्थापक अध्यक्ष थे । जयपुर राज्य दरबार से आपको कई सम्मानजनक पद प्राप्त थे । अनेक राज्य दरबार से आपको सोना बख्शीस था। समाज के सभी कार्यों में आपको पदाधिकारी चुना गया था। भारतवर्षीय
वाल महासभा और तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष रहे । अतिशय क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष रहे। अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी के उपाध्यक्ष व कोषाध्यक्ष रहे । अतिशय क्षेत्र पदमपुरा कमेटी के संस्थापक उपाध्यक्ष जीवन पर्यन्त रहे । पदमपुरा