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616/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
स्वामी सिद्ध क्षेत्र कमेटी के कार्यकारिणी सदस्य हैं तथा भा. दि.जैन संघ के कोषाध्यक्ष है । मथुरा में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महासमिति के संयोजन रहे थे।
आपका जन्म 6 अप्रैल,1906 को हुआ। यू.पो.बोर्ड से इन्टर पास किया। सन् 1980 में आपका विवाह गुलाबबाई से हुआ,जिनसे आपको तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियों की प्राप्ति हुई । आपके पुत्र प्रकाशचन्द.प्रेमचन्द एवं प्रवीणचंद तीनों का ही हमने इसमें परिचय दिया है। पुत्रियों में इंदिरा का विवाह जयपुर के विजयकुमार जी ठोलिया, शेष दोनों भाईयों का इन्दौर के टोंग्या परिवार में तथा किरण का मुरादाबाद के प्रतिष्ठित परिवार में विवाह हुआ है । हम छाबड़ा जी के स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन को कामना करते हैं।
पता- 1169, माणिक चौक, मथुरा श्री जिनेश्वरदास बडजात्या
मथुरा के श्री जिनेश्वरदास बडजात्या की सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवायें रही हैं। मथुरा में जब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हुआ तो आपको समिति का महामंत्री बनाया गया । आप कट्टर मुनिभक्त हैं तथा आहार आदि से उनकी सेवा करते रहते हैं।
आपका जन्म 4 जुलाई सन् 1915 को हुआ । सन् 1935 में आगरा से बी.ए.एलएल.बी.किया और फिर वकालात करने लगे। मध्य रेलवे एवं पश्चिम रेल्वे के आप एडवोकेट रहे । सन् 1933 में आपका विवाह श्रीमती चमेली बाई से हुआ। आपके दो पुत्र एवं एक पुत्री हुई । पुत्री आशा का 22 वर्ष में ही निधन हो गया। आपके बड़े पुत्र रूपचन्द कनाडा में इंजीनियर हैं। आपको धर्मपत्नी का नाम ससेज है । दूसरा पुत्र श्री सुशील कुमार एमडी. है । पत्नी का नाम नीरू है जो स्वयं एम.ए. है।
आपके पिताजी श्री प्यारेलाल जी बडजात्या का सन् 1954 में स्वर्गवास हुआ । तथा माताजी रतनदेवी 78 वर्ष की आयु में स्वर्गवासी बनी।
श्री जिनेश्वरदास जी बड़जात्या
श्री रूपचन्द बड़जात्या
डॉ. सुशीलकुमार बड़जात्या
पता-धीया मंडी,जैन गली,मथुरा।