Book Title: Jain Samaj ka Bruhad Itihas
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 640
________________ उत्तर प्रदेश का जैन समाज /625 सक्रिय योगदान दिया। आप उप्र तीर्थ वंदना रथ प्रवर्तन के संयोजक बने जिसमें घोर विरोध के बावजूद अभूतपूर्व सफलता मिली और उसमे उप्र से साढ़े बाईस लाख रु. एकत्र हुए। आपके परिवार में 3 पुत्रियां, 2 पुत्र हैं। जो सभी सम्पत्र जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आपकी पत्नी श्रीमती कमल कुमारी जैन अत्यंत धर्मपरायण महिला हैं। जिन्होंने आपके हर कार्यों में पूर्ण समर्पण की भावना से सहयोग दिया है। श्री कस्तूरचन्द जी चांदूवाड़ यह परिवार राजस्थान के रहने वाले थे और बहुत समय से मेरठ में रह रहे हैं। आप सी. डी. ए. में लेखाधिकारी के पद से अभी कुछ वर्ष पूर्व ही रिटायर हुए हैं। आपका धार्मिक अध्ययन काफी परिपक्व है और गला भी मधुर है। जिससे अच्छे भजनिक भी है। आप सी.डी.ए. के सेवाकाल में जहां भी रहे वहां धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बढ़ाने में काफी योगदान दिया है। आप भारतीय जैन मिलन संस्थापकों में से एक हैं और अभी भी मेरठ छावनी में साधू समागम, विद्वानों को बुलाना व धार्मिक कार्यक्रम को आयोजित करने में प्रभावी रुचि लेते हैं और उनका संयोजन करते हैं। आपके प्रयास से समाज में धार्मिक कार्यक्रम अक्सर होते रहते हैं। मेरठ छावनी में ही पिछले 30 साल से अनवरत शास्त्र सभा चलने में आपका बड़ा योगदान है। आपकी पत्नी श्रीमती कमला श्री है। आपके तीन पुत्री श्रीमती शशि, श्रीमती रवि, श्रीमती निशि विवाहित है और पुत्र श्री राजीव जैन है जिनकी पत्नी का नाम प्रभा जैन है। आप बैंक सेवा में हैं और इनके एक पुत्र प्रतीक 6 वर्ष तथा एक पुत्री अंकिता 3 वर्ष है। स्व. रतनलाल जैन पहाड़िया श्री पहाड़िया जी रेस वालों के नाम से मशहूर थे और उनका परिवार आज भी इसी उपनाम से जाना जाता है। कई सदी पूर्व आपके पिता व अन्य परिवार जन राजस्थान के एक छोटे से ग्रांम से मेरठ में आकर बस गये थे। उनके पाँच पुत्र थे चार अब भी अपने पैतृक व्यवसाय में कार्यरत हैं जबकि श्री राधेलाल जी का स्वर्गवास हो चुका है। चार पुत्रों में श्री प्यारेलाल जी श्री बनवारीलाल जी, श्री कुंजबिहारी लाल जी एवं श्री मोहनलाल जी के बच्चों ने अलग-अलग व्यवसाय भी कर रखे हैं। मुख्य व्यवसाय आज भी रेस का ही है । श्रीमती कुंज बिहारी लाल जो श्री कुंजबिहारी लाल जी सादा जीवन उच्च विचार की कहावत को चरितार्थ करते हैं। सदैव सरलता, सौम्यता, सरसता बिखेरते रहते हैं। बातचीत करते वक्त तो आपकी भाव भंगिमा बस देखते ही बनती है । आप अपने परिवार द्वारा चलाये जा रहे 2/3 ट्रस्टों के प्रमुख हैं आपने मसूरी में जैन धर्मशाला का शुभारंभ सात सूट बनवाकर किया, भारतीय जैन मिलन हास्पिटल सरधना में सवा लाख रु. की लागत से आपरेशन थियेटर का निर्माण कराया तथा अभी हाल ही में आपने दि. जैन महासमिति को अथवा तीर्थ क्षेत्र कमेटी को रु. दस हजार का दान दिया है। इसके अलावा भी आप समय-समय पर दानशीलता का परिचय देते रहते हैं। सामाजिक धार्मिक कार्यकलापों में भी आप रुचि लेते हैं तथा तन-मन-धन से सहयोग करते हैं। आपके परिवार में आपकी धर्मपत्नी श्रीमती कमला जैन पुत्र नीरज पुत्रवधू सौ. कां. संगीता, पुत्री कु. प्रिंसी एवं पौत्र पर्व व उत्सव हैं।

Loading...

Page Navigation
1 ... 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699