Book Title: Jain Samaj ka Bruhad Itihas
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 663
________________ 648/ जैन समाज का वृहद् इतिहास तथा चन्द्रप्रभु दि. जैन मंदिर में एक बड़े हॉल एवं मानस्तंभ का निर्माण करवाकर उसको प्रतिष्ठा का भी यशस्वी कार्य कर चुके हैं। हैदराबाद में ही पार्श्वनाथ दि.जैन मंदिर निर्माण का भी उत्तम कार्य सम्पन्न कर चुके हैं। श्री पहाड़े जी का जन्म स्थान घण्टुर है जो कर्नाटक प्रदेश के बोदर जिले में स्थित है । ज्येष्ठ शुक्ला 14 सं.1989 (सन् 1933) को आपका जन्म हुआ । आपके पिताजी श्री सन्तूलाल जी का सन् 1960 में ही स्वर्गवास हो गया लेकिन आपकी माताजी श्रीमती फूलीबाई का अभी आशीर्वाद प्राप्त है । वे 85 को पार कर चुकी हैं । सन् 1950 में 20 अप्रैल को आपका विवाह श्रीमती बसन्ती बाई के साथ हुआ। जो बरूंदा (अजमेर) के सुवालाल पांड्या की सुपुत्री है । पांड्या जी आर्यिका अधयमती माताजी की आर्थिका दीक्षा के अवसर पर माता-पिता बने थे। आपकी धर्मपत्नी दशलक्षण व्रत के उपधास कर चुकी है। आपको छह पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य मिल चुका है। श्री रमेश कुमार (35 वर्ष) एवं राजेश कुमार (33 वर्ष) इन्टरमीजियेट हैं । शेष चारों किशोरकुमार (30 वर्ष), अनिलकुमार (28 वर्ष), दिलीपकुमार (27 वर्ष) एवं प्रदीप कुमार ने बी.कॉम किया है । सभी का विवाह हो चुका है। श्री प्रदीपकुमार का विवाह श्री त्रिलोकचन्द जी कोठारी की पुत्री इन्दिरा से हुआ है । पहाड़े जो सामाजिक क्रांति में विश्वास रखते हैं तथा मांग ठहराव के विरोधी हैं । श्री बाबूलाल जी पहाडे आपके छोटे भाई श्री बाबलाल जी 54 वर्षीय समाजसेवी हैं। उनकी पत्नी का नाम सुशीला देवी है जो गोंदिया के हीरालाल जी पांड्या जी की पुत्री है । आपकं तीन पुत्र अशोक, सुनील एवं संजय है । प्रथम विवाहित है । दो पुत्रियाँ हैं सुनिता एवं अनिता । दोनों का विवाह हो चुका है। श्री बाबूलाल जी पहाड़े का हैदराबाद में विशिष्ट स्थान है । भवन निर्माण में दक्ष हैं । स्वप्नलोक जैसी कितनी ही विशाल बिल्डिग्स के निर्माता हैं । राजधानी होटल के मालिक हैं । दोनों पति-पत्नी ने दशलक्षण वृत के उपवास किये हैं। आचार्य विद्यासागर जी महाराज के कट्टर भक्त हैं। मुनियों को आहार देने में पूर्ण रुचि रखते हैं। धार्मिक साहित्य के प्रचार-प्रसार में योगदान देते रहते हैं। महासमिति के उपाध्यक्ष हैं। तीसरे भाई श्री विजय कुमारजी 44 वर्षीय युवा है । पत्नी का नाम ललिता देवी है। तीन पुत्र कमल,विमल एवं रितेश तथा एक पुत्र प्रीति के पिता हैं । फ्लोर मिल वं पैट्रोल पम्प का व्यवसाय है। पता :- 15-2,750 उस्यान गंज, हैदराबाद श्री माणिकचन्द बज वाशिम नगर (महाराष्ट्र) के श्री माणिकचन्द जी बज जैन समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं । समाजसेवकों में आपका विशिष्ट स्थान है । आपका जन्म 27 मार्च 1932 को हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री प्रतापचन्द जो है तथा माताजी श्रीमती राजमतीजी है। आपने एम.कॉम., एल.एल.बी.किया तथा शिक्षा समाप्त करने के पश्चात् व्यवसाय की ओर मुड गये । आपके तीन पुत्र श्री सुरेन्द्रकुमार,सुनीलकुमार एवं सुधीरकुमार हैं तथा तीन पुत्रियाँ सरजूबाई,शीला बाई एवं सुलोचना बाई हैं। तीनों का विवाह हो चुका है। पता : माणिकचन्द प्रतापचन्द जैन बज मु.पो.वाशिम (अकोला) महाराष्ट्र

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