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महाराष्ट्र एवं दक्षिण का जैन समाज /653
पुस्तकें प्रकाशित हुई । इसके अतिरिक्त आप को जैसलमेर की जैन विधा को देन, जैनों के धार्मिक स्थल जैसी पुस्तकें शीघ्र प्रकाशित होने वाली हैं।
डा. दोशी अच्छी विदुषी,लेखिका के साथ-साथ भाषण देने में भी शीर्ष स्थान रखती हैं । सन् 1986 में रोटरी क्लब बम्बई से आपको भाषण कला अवार्ड मिल चुका है। इसी तरह पाल(1982माती (141), शवणबेलगोला (1981) में भी आपको सम्मानित किया जा चुका है।
श्रीमती दोशी देश की शीर्षस्थ कला संस्थाओं एवं राजकीय संगठनों की सदस्य है । आप अत्यधिक विनीत, विदुषी हैं। सामाजिक समारोहों में जाती रहती हैं । आप श्रीमन्त सेठ लालबन्द दोशी की पुत्रवधू एवं श्री बिनोद दोशी की धर्मपत्नी हैं । दोनों पति-पत्नी अपने-अपने क्षेत्र में शीर्षस्थ स्थान प्राप्त किये हुए हैं । आप दोनों से ही समाज को बहुत अपेक्षाएं हैं। जैन समाज को गर्व है कि डा. दोषी जैसी विदुधी महिला ने जैन कला को अन्तर्राष्ट्रीय जगत में प्रचारित करने में बहुत अच्छा कार्य किया है।
पता : नीला हाउस, एम एलदहानुकर मार्ग, बम्बई 400025 श्री स्वरूपचंद बज
श्री बज राजस्थान के नागौर जिले में स्थित मण्डावरा याम के पूर्व निवासी थे । सन् 1955 में यहाँ आकर खाद्यान्न का व्यवसाय करने लगे। आपके पिताजी श्री गुलाबचन्द जी बज आपके साथ रहते हैं किन्तु माताजी श्रीमती पतासी देवी का स्वर्गवास हो गया है।
आपका जन्म वैशाख सुदी 14 संवत् 1993 में मण्डावरा में हुआ । बीकानेर (राज) से मैट्रिक पास किया । सन् 1955 में आपका विवाह हुआ। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती शकुन्तला देवी हैदराबाद के श्री अजयचन्द जी पहाड़िया की सुपुत्री हैं। आपको तीन पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है।
आपने अपने व्यवसाय में जो उन्नति की है वह सब स्वयं की सूझबूझ एवं व्यापारिक दक्षता का ही परिणाम है । कट्टर मुनिभक्त है । आर्षमार्गी हैं तथा साधुओं की सेवा में योग देते रहते हैं। समाज के महाराजगंज जैन भवन के व्यवस्थापक हैं। आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री अशोककुमार (32 वर्ष)की पत्नी संतोष देवी ताराचन्द जी बगड़ा सेलम की पुत्री है । दूसरा पुत्र अजीतकुमार 25 वर्षीय है। उनकी धर्मपत्नी सीमा ताराचन्द जी गंगवाल किशनगढ़ की पुत्री है । तोसरा पुत्र अभयकुमार अध्ययन कर रहा है। दोनों पुत्रियों शोभा एवं लता का विवाह हो चुका है।
आपके बड़े भाई मांगीलाल जी बज तथा छोटे भाई धर्मचन्द जी,महावीर प्रसाद जी बज हैं। मांगीलाल जी ने हैदराबाद पंच कल्याणक में इन्द्र के पद को सुशोभित किया था। धर्मचन्द जी बज एवं उनकी पत्नी ने तथा महावीर प्रसाद जी की धर्मपली ने दशलक्षण व्रत के उपवास किये हैं। पूरा परिवार धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत है।
पता : किशोर एण्ड कम्पनी,15-9-1 मुखत्यार गंज, हैदराबाद