Book Title: Jain Samaj ka Bruhad Itihas
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 669
________________ 654/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री सोहनलाल कोठारी (कासलीवाल) कालू (राज) से सन् 1968 में पांडीचेरी और सन् 1975 मैं वहाँ से सेलम आकर साबूदाना का थोक व्यवसाय करने वाले श्री सोहनलाल जी कोठारी अच्छे समाज सेवी हैं । आपका जन्म आषाढ़ बुदी अष्टमी संवत् 2012 में कालू में हुआ। आपके पिताजी श्री मिश्रीलालजी 78 वर्ष की आयु में सन् 1975 में तथा माताजी फूलीबाई का स्वर्गवास सन् 1978 में हो गया । आपने ब्यावर में रहकर मैट्रिक किया । संवत् 1122 आषाढ़ बुदी 8 को आपका विवाह लाडनूं के त्रिलोकचन्द जी सेठों की पुत्री कुसुम देवी के साथ हुआ ! जिनसे आपको पांच पुत्र मनोजकुमार, अनिलकुमार सुनीलकुमार, कमलकुमार एवं नरेश कुमार की प्राप्ति हुई । इनमें मनोजकुमार 25 वर्ष के युवा हैं । विवाह हो चुका है । पत्नी का नाम सुनीता है । पुत्री का नाम मोना है। कोठारी जी सेलम समाज के सरपंच हैं। आर्यिका सुप्रकाशमतीजी माताजी एवं आर्यिका सुभूषण माताजी के सेलम चातुर्मास में बहुत योग दिया। आप बड़े सेवाभावी एवं मिलनसार स्वभाव के हैं। साधुओं के प्रति पूर्ण श्रद्धा भावना है । सेलम रहने पर प्रतिदिन अभिषेक पूजा करते हैं । सामाजिक कार्यों में रुचि लेते हैं। ___ आप पुनरमलाई (कुन्दकुन्द्री) के इन्द्रध्वज विधान वर्ष 1983 में सौधर्म इन्द्र से गौरवान्वित हुये। सेलम में मंदिर निर्माण में योगदान दिया तथा महाबीर स्वामी की प्रतिमा विराजमान की । सन् 1982 से शुद्ध खानपान का नियम है । मुनियों की खूब सेवा करते हैं । विजयमती माताजी के सभी 6 चातुर्मास में पूरा योगदान दिया । आचार्य निर्मलसागर जी का चातुर्मास करा चुके पता : मनोज एण्ड कम्पनी,ए-7 पोलिस पैट्रोल रोड़, शिवापेट, सेलम-2 (मद्रास) श्री सोहनलाल गंगवाल बंगलौर के सोहनलाल जी गंगवाल मूलतः नीमाज (राज) के निवासी हैं । सन् 1956 में बंगलौर आकर पहिले 12 वर्ष तक सर्विस में रहे और फिर सन् 1968 में स्वतंत्र कपड़े के थोक व्यवसाय की ओर मुड़ गये। जिसमें अपनी सूझबूझ, व्यापारिक कुशलता एवं परिश्रम से पर्याप्त सफलता मिली। ____ अपने ग्राम नीमाज में आपने 6-10-86 से 16-11-86 तक तीन लोक मंडल विधान का महोत्सव करा चुके हैं तथा वहीं पर भंवरलाल अशरफी देवी अतिथि भवन का निर्माण कार्य आपकी ओर से चल रहा है। आपके पिताजी श्री भंवरलाल जी गंगवाल का स्वर्गवास सन् 1954 में ही हो गया था तथा आपकी माताजी अशरफी बाई 20 वर्ष पूर्व आर्यिका दीक्षा धारण की उनका नाम आर्यिका गुणमती माताजी है। श्री सोहनलाल जी का जन्म 6-10-1941 को हुआ। अष्टम कक्षा तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने पिताजी के साथ कार्य करना पड़ा। 25 अप्रेल सन् 1963 को आपका विवाह हुआ। पत्नी का नाम सुशीला देवी है । श्री गंगवाल कट्टरमुनिभक्त हैं । आहार देने की रुचि रखते हैं । वैराग्य सागर जी महाराज को आहार दे चुके हैं । बंगलौर जैन समाज में आपकी अच्छी प्रतिष्ठा है। पता : ए-8, सकलाजी मार्केट, एवेन्यू रोख, बंगलौर

Loading...

Page Navigation
1 ... 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699