Book Title: Jain Samaj ka Bruhad Itihas
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 672
________________ यशस्वी समाजसेवी/657 2- महासभा के आप प्रमुख नेताओं में से एक हैं तथा उसकी वैय्यावृत्ति विभाग के संयोजक रह चुके हैं। 3. आदर्श महिला विद्यालय श्री महावीरजी के आप वर्षों से अध्यक्ष हैं । 4. श्री महावीर ग्रंथ अकादमी के आप परम संरक्षक हैं। 5- आप कट्टर मुनि भक्त है 1 मुनियों को आहार देना, उनकी वैय्यावृत्ति करना.संध को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना आदि में आपकी पूर्ण रुचि है। आचार्य शांतिसागर जी महाराज के गजपंथा, बरामती, कुंथलगिरी में आपने लगातार 13. वर्षों तक दर्शन किये और आचार्य श्री को आहार देने के लिये ही आपने शुद्ध खान - पान का व्रत लिया। आचार्य वीरसागर जी, शिवसागर जी, देशभूषण जी, महावीरकीर्ति जी, विमलसागरजी जैसे आचार्यों की आपने खूब सेवा की। आचार्य विमलसागरजी महाराज पर जब पूर्णिया (बंगाल) में उपसर्ग हुआ तब आपने साहू शांतिप्रसाद जी को रात्रि को दो बजे जगाकर उपसर्ग दूर करने में सहयोग लिया। उदार स्वभाव आप स्वभाव से उदार हैं । जब कभी कोई आपके पास आर्थिक सहयोग के लिये आता है तो आपको उसे सहयोग देने में प्रसन्नता होती है । रोगियों को रोग से मुक्त कराने में आप पूरा सहयोग देते हैं। साहित्य प्रकाशन- आपने अपनी ओर से सुमेरचन्द जी दिवाकर द्वारा आचार्य शांतिसागर एवं आर्यिकारत्न ज्ञानमती माताजी द्वारा लिखित इन्द्रध्वज विधान का प्रकाशन कराया है। परिवार:- आपका भरा पूरा परिवार है और पूरा परिवार अत्यधिक विनयां एव आपकी आज्ञा में चलता है । आपके ज्येष्ठ पुत्र भागचन्द जी पहाड़िया आपकी अनुकृति हैं । धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में आपके पदचिन्हों पर चलने में उन्हें प्रसनता होती है। न श्री अपर चन्द डी पहाड़िया श्री भाग चन्दजी पहाड़िया पता:1- जैन दिला, गोपालबाड़ी,जयपुर 2-14, कलाकार स्ट्रीट,कलकत्ता

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