Book Title: Jain Samaj ka Bruhad Itihas
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 657
________________ 642/ जैन समाज का वृहद् इतिहास की मूर्तियाँ विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया है। } श्री श्री बगड़ा जी ने 64 बरुच देख लिये हैं चंद की अगड़ा का सन् 1050 में ही स्वर्गवास हो गया था तथा माताजी सुन्दर बाई का सन् 1965 में वियोग हो गया था। माताजी के स्वर्गवास के पूर्व ही आप सुजानगढ़ से सेलम आ चुके थे तथा यहां अपना साबुदाना का व्यवसाय प्रारंभ कर दिया था। इस व्यवसाय में आपको आशातीत सफलता मिली। आपका विवाह संवत् 2003 में लाडनूं के श्री गणेशमल पहाड़िया की पुत्री मणिदेवी से हुआ जिनसे आपको 3 पुत्र एवं 66 पुत्रियों की प्राप्ति हुई । ज्येष्ठ पुत्र सरोजकुमार बी कॉप है। 36 वर्ष के हैं। पत्नी का नाम सरिता है जो एक पुत्र की मां बन चुकी है । आपके दूसरे पुत्र अजयकुमार भी श्री क्रॉन हैं। 28 वर्ष के युवा हैं। पत्नी का नाम पुष्पादेवी हैं जिनके एक पुत्री हैं। सबसे छोटे पुत्र श्री विजयकुमार हैं जिसका 10-12 900 को श्रीमती माधुरी के साथ विवाह हुआ है। जन्म लेखक बगड़ा जी के घर पहुंचा तब विवाह में आये मेहमानों से घर में चहल-पहल थी । आपकी सभी छह पुत्रियों मंजुला, अंजना, शकुन्तला, संतोष, ललिता एवं मीना का विवाह हो चुका है। श्रीमती बगड़ा जी ने दशलक्षण के उपवास कर लिये हैं। - पता : ताराचंद सरोजकुमार, 26 अप्पा स्वामी रोड़ पोस्ट शिवापेट, सेलम-2 (तमिलनाडु) श्री ताराचंद बड़जात्या फिल्म उद्योग में शीर्षस्थ स्थान, यश एवं ख्याति प्राप्त करने वाले श्री ताराचंद जी बड़जात्या का जन्म सन् 1914 में हुआ। सन् 1933 में बिना वेतन के फिल्म इन्डस्ट्री में कार्य सीखने के लिये प्रवेश किया और सर्व प्रथम उन्हें 85/- रुपये मासिक पर नियुक्त किया गया । दिनांक 15-8-1947 को बम्बई में आपने राजश्री पिक्चर्स प्राइवेट लि. संस्था को जन्म दिया जो वर्तमान में देश की सर्वोच्च फिल्म उद्योगों में से हैं तथा जिसके कार्यालय देश के 20 नगरों में खुले हुये हैं। श्री बड़जात्या जी ने दक्षिण भारत की फिल्म उद्योग जैमिनी, ए.वी.एम., अंजली, जुपीटर, पक्षीराज को बहुत सहयोग दिया तथा चन्द्रलेखा, संसार, बहार, आजाद, शारदा जैसी फिल्मों का प्रदर्शन किया । राजश्री पिक्चर्स द्वारा शोले, धर्मवीर, परवरिश, जुगनु, अमीर-गरीब, चाचा-भतीजा, रोटी जैसी लोकप्रिय फिल्मों का निर्माण किया गया ! श्री बडजात्या जी ने एक के बाद दूसरी शानदार फिल्मों के निर्माण में सफलता प्राप्त की और आज के फिल्म उद्योग में अपना शीर्षस्थ स्थान बना लिया है। आपने सैंकडो कलाकारों के जीवन निर्माण में सहयोग दिया और नये-नये कलाकारों को अपनी फिल्मों में स्थान देकर उनका जीवन निर्माण किया । बड़जात्या जी के तीन पुत्र हैं और तीनों ही फिल्म उद्योग में विशिष्ट स्थान रखते हैं। सबसे बड़े पुत्र श्री कमलकुमार जी बडजात्या राजश्री फिल्म उद्योग के मुख्य व्यवस्थापक हैं। दूसरे पुत्र राजकुमार जी राजश्री पिक्चर्स के नाम से फिल्म निर्माण का कार्य कराते हैं । सबसे छोटे पुत्र अजित कुमार जी फिल्म वितरण का कार्य देखते हैं। राजकुमार जी के पुत्र श्री सूरज फिल्मों का

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