________________
मालवा प्रदेश का जैन समाज/585
पत्नी का नाम - श्रीमती सुशीला बाई जैन विशारद अध्यापिका परिवार - पुत्र • I जिनेन्द्र कुमार जैन बी.कॉम.,स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,इन्दौर में आफीसर। पल्ली. ताराबाई,बी.ए. पुत्रियाँ : 6,सभी विवाहित - 2 पौत्रियां जिनमें एक का विवाह हो चुका है,1 पौत्री अविवाहित
धार्मिक - सन् 1930 में जैन प्रतिष्ठा विधि का प्रचार प्रसार निस्वार्थ भाव से, सन् 1961 में सम्मेदशिखर तेरापंथी कोठी में, मानस्तंम प्रतिष्ठा,1964 में सम्मेदशिखर नंदीश्वर बावन चैत्यालय बिम्ब प्रतिष्ठा
1958 में सुखदेव आश्रम लाडनूं में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा । इसके अतिरिक्त दाहोट,कुशलगढ़ ऊन, पावागिर,जावरा, भीलवाड़ा,पिड़ावा,सोनगढ़,पोरबंदर,जामनगर,सोहरदा आदि नगरों में लगभग 40 बिम्ब प्रतिष्ठायें एवं 25 वेदी मंदिर प्रतिष्ठायें आपके द्वारा सम्पन्न हुई।
सामाजिक:1- अखिल भारतीय दिगम्बर जैन विद्वत परिषद् के बीना बारहा में 13 वें अधिवेशन में अध्यक्ष निर्वाचित हुये ।
2. 23 फरवरी सन् 1942 से अक्टूबर 1949 तक खण्डेलवाल जैन हितेच्छु पाक्षिक पत्र के प्रधानसंपादक जुलाई 1971 से 1984 तक सन्मति वाणी के प्रधान संपादक रहे।
3 - लगभग 35 वर्ष तक महासभा परीक्षा बोर्ड का संचालन किया।
4- नैतिक शिक्षा भाग 1 से 7 तक का स्कूलों में 6 से 8 तक की कक्षाओं में नैतिक शिक्षण के रूप में शिक्षण दिया जा रहा है।
5-जैन संस्कार विधि दो बार प्रकाशित हो चुकी है। प्रतिष्ठा प्रदीप वृहद ग्रंथ प्रेस में है । भारतीय दि. जैन तीर्थों की यात्रा पुस्तक का 40 वर्ष से प्रचार प्रसार है।
सम्मान :- सन् 1974 में वीर निर्वाण भारती द्वारा देहली में सिद्धान्ताचार्य की उपाधि से उपराष्ट्रपति बी डी जत्ती द्वारा सम्मानित,दि.जैन समाज इन्दौर द्वारा 5 जून 1978 को 50 विद्वानों की उपस्थिति में सम्मानित, तीर्थकर इन्दौर का जून 1978 में नाथूलाल शास्त्री विशेषांक प्रकाशित ।।
उपाधियों :- प्रतिष्ठा दिवाकर,संहितासूरि, जैन सिद्धान्त महोदधि सिद्धान्त महोदधि, सिद्धान्ताचार्य । पता : 40, हुकमचन्द मार्ग,इन्दौर-2