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बिहार प्रदेश का जैन समाज /509
__ खण्डेलवाल जैनों के गोत्रों में विनायक्या, सेठी, पाटनी, छाबड़ा, रांवका, रारा, लुडाड़िया, गंगवाल, कासलीवाल, पांड्या, बड़जात्या, ठोल्या, अजमेरा, काला, पाटोदी, सौगानी, बोहरा, चूडीवाल (गदिया), टोंग्या, पहाड़िया आदि गोत्रों के परिवार हैं। यहां श्री किशनलाल जी विनायक्या, चन्दनमल जी पांड्या, छीतरमल जी पाटनी प्रमुख समाजसेवी है। रांची
___बिहार की ग्रीष्मकालीन राजधानी रांची अपनी अनेक विशेषताओं को लिये हुये है। यहा तीन विश्वविद्यालय हैं, कमिश्नरी है, पटना हाईकोर्ट की बैंच है, जिला मुख्यालय, छोटा नागपुर की कमिश्नरी सहित है। यहां की जा अाठ लाल है तथा उदो गवं व्यापार में सबसे आगे है।
यहां दिगम्बर जैन समाज के 225 घर है तथा 100 घर श्वेताम्बर जैनों के हैं। दिगम्बर जैनों में 140 घर खण्डेलवाल जैनों के, 30 घर अग्रवालों के तथा शेष घर परवार एवं पद्मावती पुरवारों के हैं । एक मंदिर है । दि जैनों की जनसंख्या करीब 2000 है।
रांची का मंदिर विशाल है । दो तल्ले का है। नीचे वाले तल्ले में एक वेदी है। दोनों ओर शास्त्र प्रवचन का स्थान है तथा नीचे के भाग में तीन वेदियां हैं। मध्य में मुख्य वेदी है। दोनों ओर चतुर्थकालीन प्रतिमायें हैं जिनकी स्थापना संवत् 1980 में जोखीराम मूंगराज सरावगी द्वारा की गई थी । ऊपर के तल्ले के मध्य में एक वेदी तथा दोनों ओर भगवान आदिनाथ एवं बाहुबली की खड्गासन श्वेत पाषाण की प्रतिमायें है जो श्री भागचन्द जी की स्मृति में रतनलाल चांदमल एवं रतनलाल सूरजमल द्वारा स्थापित की हुई है । यह मंदिर संवत् 1959 में निर्मित है । इस में रतनलाल चांदमल द्वारा आडीटोरियम बना हुआ है । मंदिर के सामने वाचनालय, तेजपाल धर्मार्थ होम्योपैथी औषधालय एवं मंदिर में जैन विद्यालय संचालित है।
यहां रायबहादुर समाज भूषण हरकचन्द जी पांड्या निवास करते हैं। वे राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं। उनके द्वारा समाज को बराबर मार्गदर्शन मिलता रहा है। रांची को रायबहादुर के नगर के नाम से जाना जाता है। रांची से अहिंसा संदेश पाक्षिक पत्र का प्रकाशन होता है जिसके सम्पादक श्री रत्लेशकुमार कासलीवाल हैं। विद्वानों में पं. मनोहरलाल जी साह विराजते हैं जो अच्छे विद्वान हैं । समाज के प्रतिष्ठित समाजसेवियों में श्री रतनलाल जी पाटनी, श्री रामचन्द्रजी बड़जात्या, रतनलाल जी काला, रिखबचन्द जी बाकलीवाल, झूमरमल जी सेठी, माणकचन्द जी गंगवाल के नाम उल्लेखनीय हैं। श्री भागचन्द जी पाटनी एम.आर. वाले समाज के मंत्री हैं।
खण्डेलवालों में सेठी, पांड्या, पाटनी, बाकलीवाल, काला, छाबड़ा, लुहाड़िया, सौगानी, कासलीवाल, रारा, विनायक्या, पहाड़िया, झांझरी, गंगवाल, अजमेरा, दगड़ा, गोधा, ठोल्या, पापड़ीवाल, बैनाड़ा, चांदवाड़, बड़जात्या एवं साह गोत्रीय परिवार हैं।