________________
-
पं. मनोहरलाल साह शास्त्री
पं. मनोहरलाल जो शास्त्री रांची जैन समाज में प्रसिद्ध विद्वान हैं। राज. के होकर भी अब वे पूरे बिहारी बन गये हैं। आप इस समय 700 बसन्त पार करने वाले हैं लेकिन सामाजिक गतिविधियों में खूब भाग लेते रहते हैं। आपके पिताजी श्री छीतरमल जी साह एवं माताजी श्रीमती मोती बाई दोनों का स्वर्गवास हो चुका है।
बिहार प्रदेश का जैन समाज /541
20 वर्ष की आयु में आपका विवाह श्रीमती कंचनदेवी के साथ हुआ। जिनसे आपको दो पुत्र एवं तीन पुत्रियों की प्राप्ति हुई। आपके ज्येष्ठ पुत्र अशोककुमार 41 वर्षीय युवा हैं। बी.ए., एल.एल.बी. हैं। पत्नी का नाम सरोजदेवी हैं जो एक पुत्र एवं दो पुत्रियों की मां बन चुकी है | बिहार अलाप सीलम लि. में फाइनेन्स मैनेजर हैं। दूसरे पुत्र विजयकुमार 35 वर्षीय युवा है। वह भी बी.ए., बीनादेवी पत्नी है जो एक पुत्री की माँ है। अशोक टायर सेन्टर के मालिक हैं ।
श्रीमती कंचनमाला
पंडित जी अहिंसा दर्शन भाग 1,2,3, व 4 आर्यिका धर्मवती चरित्र, अभिषेक पर शास्त्रीय प्रमाण, जिनवाणी संग्रह आदि पुस्तकों के लेखक एवं सम्पादक हैं। भगवान महावीर का 2500 वां परिनिर्वाण महोत्सव पर्व में आपको विज्ञान भवन में सिद्धान्ताचार्य की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है। गोहाटी समाज ने पंचकल्याण महोत्सव के अवसर पर वाणीभूषण से अलंकृत किया था। आप कुचामन एवं सुजानगढ में धर्माध्यापक रहने के पश्चात् विगत 25 वर्षों से रांची समाज को शास्त्रों का ज्ञान दे रहे हैं । शास्त्रों के पक्के ज्ञाता हैं। पर्यूषण पर्व में विभिन्न नगरों में जाते रहते हैं। वेदी प्रतिष्ठा एवं विधान आदि कराते रहते हैं। गोहाटी में इन्द्रध्वज विधान कराने में आपने पूरा योग दिया था ।
मुनिभक्त हैं। तीर्थ यात्रा प्रेमी हैं। रांची के रायबहादुर हरकचंद जी पांड्या से बहुत संपर्क है।
पता: अशोक टायर्स, जैन मंदिर रोड, ज.जे. रोड, अपर बाजार, रांची
एल.एल.बी. है।
श्री अशोककुमार