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560/ जैन समाज का वृहद इतिहास
स्व.श्री सुगनचन्द सेठी
श्रीमती गुणमाला देवी . श्री रूपचन्द जी टी
पता : सुगनचन्द्र सेठी जैन, भगवान महावीर मार्ग, हजारीबाग (बिहार)
श्री लालचन्द्र सेठी
परिवार अन
रांची जैन समाज के सबसे वयोवृद्ध श्री लालचंद जी सेठी अब दर्शनीय व्यक्ति बन गये हैं। आपने 88 वर्ष पार कर लिये हैं । आपकी पत्नी श्रीमती म्होरीदेवी का अभी 5-6 वर्ष पूर्व ही स्वर्गवास हुआ है। आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री महावीरप्रसाद जी का भी 8 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया। दूसरे पुत्र शांतिलाल जी 55 वर्ष के हैं। उनकी पत्नी का नाम चन्द्रकला है । जो पांच पुत्रों की म्हाता है। आपकी तीनों पुत्रियों महावीरी राजुल एवं श्रीमती का विवाह हो चुका है।
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आपने मूगडवास (राज.) में मंदिर का निर्माण कराया था तथा वहां स्कूल भवन बनवाकर राज्य सरकार को दिया । दि. जैन पंचायत रांची के अध्यक्ष एवं मंत्री रह चुके हैं। आपने सराक जाति के ऐरिया में तीन नये मंदिर बनवाये एवं दो मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया था। सराक क्षेत्र में 6 स्थानों में विद्यालयों का संचालन किया। यही नहीं सराक क्षेत्र में वेदी प्रतिष्ठा एवं रथ यात्रायें संपन्न करायी ।
आप बंगाल बिहार तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सदस्य रहे । बिहार राज्य में दि जैन मंदिर न्याय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं। आपका और भी कितनी ही संस्थाओं से संबंध रहा है। वर्तमान में आप रांची जैन समाज के प्रेरणा स्त्रोत हैं। प्रस्तुत पुस्तक के लेखक को उनसे भेंट करने का सौभाग्य मिल चुका है।
पता :- लालचंद जैन सेठी, अपर बाजार, रांची (बिहार)
श्री लक्ष्मीनारायण रारा
श्रीमती बदामी देवी भ.प.
स्व. सुगरचन्द्र सेठी
राराजी मूलतः राजस्थान निवासी हैं। आपका जन्म दुजोद (सीकर) ग्राम में हुआ। वहां से अपने पिता श्री छगनलाल जी के साथ गिरडीह आये | श्री छगनलाल जी का स्वर्गवास 15 वर्ष पूर्व हुआ था। इसके प" आपकी पत्नी छगनीदेवी का निधन हो गया ।