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बिहार प्रदेश का जैन समाज /565
आपके छोटे भाई नेमीचन्द 57 वर्ष के हैं। पत्नी का नाम भंवरीबाई है। तीन पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं। दोनों पुत्र सुनील एवं सतीश का विवाह हो चुका है । पटना में रेडीमेट वस्त्र का व्यवसाय करते हैं ।
दूसरे भाई श्री महेन्द्रकुमार जी 53 वर्ष के हैं। धर्मपत्नी का नाम पानादेवी है। निर्मला, उमा, सीमा, बेला, ममता एवं गुडिया के पिता हैं । इनमें प्रथम चार का विवाह हो चुका है । दो अभी अविवाहित हैं।
पता : हरकचंद जी शांतिलाल जी,मु.पो.रफीगंज (औरंगाबाद)
श्री शांतिलाल बाकलीवाल
डाल्टनगंज जैन समाज में शांतिलाल बाकलीवाल का विशिष्ट स्थान है। आपके पिताजी श्री ओमचंद जी बाकलीवाल थे जिनका दिनांक 21 दिसम्बर 1982 को निधन हो गया । माताजी पतासीबाई का निधन तो 50 वर्ष पूर्व ही हो गया था।
आपका जन्म 19 अगस्त सन् 1944 को हुआ था । बी.कॉम. तक शिक्षा प्राप्त की। 17 फरवरी 1965 को आपका विवाह श्रीमती राजुलदेवी से हुआ था जो श्री रामचन्द्र जी रारा की सुपुत्री हैं। जिनसे आपको तीन पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। विजय बी कॉम में पढ़ रहा है। कमल (20 वर्ष) एवं विशाल (16 वर्ष) दोनों पढ़ रहे हैं।
आप मूल निवासी धोद के हैं। धोद से सीकर, सीकर से औरंगाबाद, औरंगाबाद से डाल्टनगंज आकर रहे । श्री बाकलीवाल जी संगीत प्रेमी,शांतिप्रिय एवं मिलनसार हैं । आपके तीन भाई और हैं। घीसालाल जी डाल्टनगंज,रिखबचंद जी रांची एवं महावीरप्रसाद जी डाल्टनगंज रहते हैं।
पता : उपहार,जैन बंधु,इंजीनियरिंग रोड, डाल्टनगंज (बिहार)
श्री सुरेन्द्रकुमार पांड्या
गिरडीह के स्व. सागरमल जी पांड्या अपने समय के ख्याति प्राप्त उदार श्रेष्ठी थे। तीर्थ क्षेत्रों एवं मंदिरों के प्रति वे सदैव सजग रहते थे । वे प्रतिवर्ष मेले के अवसर पर श्री महावीर जी आते और वहीं उनसे प्रस्तुत इतिहास लेखक की भेंट होती थी । उनका 10 अप्रैल,1979 को आकस्मिक निधन हो गया। पांड्या जी कट्टर मुनिभक्त थे । उनके आहार विहार का पूरा ध्यान रखते थे।
उनके श्री सुरेन्द्रकुमार जी तीसरे नम्बर के सुपुत्र हैं । आपका जन्म 26 मई सन् 1949 को हुआ । सन् 1961 में आपने सैंट जेवियर कॉलेज कलकत्ता से बी.कॉम.किया। उसके दो वर्ष पश्चात् 16 मई 1971 को आपका विवाह श्रीमती इंदिरादेवी से हो गया जो अजमेर के श्री नेमीचंद जी अजमेरा की सुपुत्री हैं। आपको एक पुत्र अंकित एवं एक पुत्री आशंका के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। आपकी माताजी श्रीमती प्यारीदेवी का अभी आशीर्वाद प्राप्त है।