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बिहार प्रदेश का जैन समाज /569
सिराज
श्री हरकचन्द पांड्या सरावगी
विशाल व्यक्तित्व के धनी एवं बिहार जैन समाज के एक छत्र नेता श्री हरकचंद जी पांड्या राष्ट्रीय स्तर के नेता हैं । विगत 40 वर्षों से आप और समाज दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची बने हुये हैं। आप रायबहादुर की उपाधि से अलंकृत हैं तथा पूरा समाज आपको इसी उपाधि से जानता है लेकिन आप उसका उपयोग नहीं करते । आपके दादाजी रतनलाल सागण जो कुचामन से करीब एक शताब्दी पूर्व रांची आये और बिहार राज्य की सेवा करने लगे। आपको भारत सरकार द्वारा रायबहादुर की उपाधि से सम्मानित किया गया।
आपका जन्म 3 सितम्बर सन् 1913 को हुआ। 19 वर्ष की आयु में ही आपको पिताजी . श्री सूरजमलजी छोड़कर चले गये और इसके तीन वर्ष पश्चात् आपके दादाजी रायबहादुर रतनलाल जी भी 61 वर्ष की आयु में चल बसे । 12 वर्ष की आयु में ही आपका विवाह श्रीमती घेवरीदेवी से हो गया। आप श्री गौरीलाल जी छाबड़ा जीयागंज वालों की सुपुत्री हैं । आपके दादाजी रतनलाल जी के दो पुत्र थे जिनमें एक आपके पिताजी सूरजमल जी एवं दूसरे चांदमल जी थे। सूरजमल जी के चार पुत्र हरकचंद जी,ताराचंद जी,ज्ञानचंद जी एवं प्रकाशचंद जी हैं। इनमें प्रकाशचंद जी 45 वर्ष की आयु में ही स्वर्गवासी हो गये । रायबहादुर हरकचंद जी को 6पुत्र एवं पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके सबसे बड़े पुत्र श्री राजकुमार जी (जन्म 8-9-31) बी.ए. हैं । स्नेहलता धर्मपली है तीन पुत्रों की जननी है । जो सभी उच्च शिक्षित हैं । दसरे पत्र रमेश कुमार (जन्म 24-1-461 सिविल इंजीनियर है। दोपत्र एवं एक पत्री के पिता हैं। तीसरे पत्र पदमकमार (जन्म 30-5-47) दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं धर्मपत्नी का नाम रेखा है। चतुर्थ ललित कुमार (जन्म 9-12-57) बी.ए. है । मृदुला उनकी धर्मपत्नी है । एक पुत्र एवं एक पुत्री से अलंकृत है। पांचवें पुत्र अशोककुमार (जन्म 1.4-53) बी.कॉम. हैं । उनकी पत्नी संतोष एक पुत्र एवं एक पुत्री की मां है। सबसे छोटे पुत्र अनिलकुमार (जन्म 4-2.57) मैक्निकल इंजीनियर हैं। धर्मपत्नी का नाम निरोज है जो एक पुत्र एवं एक पुत्री से अलंकृत है। आपके चार पुत्रियां श्रीमती प्रथा,राजमती,शोभा एवं रेखा है। सभी का विवाह हो चुका है।
सामाजिक जीवन:- सरावगी जी अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुये हैं जिनकी पूरी जानकारी उनको स्वयं को पी नहीं है । क्योंकि बिहार में सभी संस्थाओं में आपका सहयोग एवं वरदहस्त है । भगवान महावीर 2500 वो परिनिर्वाण समारोह वर्ष में बिहार के आप अध्यक्ष रहे । बिहार प्रान्तीय खण्डेलवाल महासभा के वर्षों तक अध्यक्ष रहे । वर्तमान में भारतवर्षीय दि,
जैन महासभा एवं दि.जैन महासमिति के उपाध्यक्ष हैं तथा बिहार प्रान्त की समितियों के अध्यक्ष हैं । रोची जैन समाज के 20 वर्ष से भी अधिक समय तक अध्यक्ष रह चुके हैं। बिहार प्रान्तीय दि.जैन धार्मिक न्यास पार्षद के संस्थापक अध्यक्ष हैं । भा.दि.जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के एवं बंगाल बिहार तीर्थ क्षेत्रकमेटो के उपाध्यक्ष है। सरजमल बाल मंदिररांची के संस्थापक अध्यक्ष प्रकाशचन्द जैन सेवा सदन डाल्टनगंज के संस्थापक अध्यक्ष ईसरी आश्रम के अध्यक्ष,बिहार चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इन्ड.के अध्यक्ष,छोटा नागपुर चैम्बर आफ कामर्स के संस्थापक अध्यक्ष, अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन के स्वागताध्यक्ष,बिहार प्रान्तीय मारवाड़ी सम्मेलन के उपाध्यक्ष एवं रांची विकास न्यास के सदस्य रह चुके है । इसके अतिरिक्त दि.जैन सर्राफ समिति के वर्तमान में अध्यक्ष हैं । आपकी ओर से रायबहादुर रतनलाल सूरजमल जैन विद्यालय एवं होमियोपेथी डिस्पेन्सरी चल रही है । सम्पूर्ण बिहार जैन समाज आपके नेतृत्व में रहना अपना गौरव समझता है। समाज को आपसे और भी अधिक आशायें हैं । हम आपके उन्नत भविष्य के लिये एवं दीर्घ जीवन की कामना करते हैं।
पता : रतनलाल सूरजमल,मैन रोड,रांची,(बिहार)