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550/ जैन समाज का वृहद इतिहास
श्री मूलचन्द्र छाबड़ा
धर्मपली मूलचन्द्र जी छाबड़ा
श्री सुशील कुमार छाबड़ा
छाबड़ा जी स्वाध्याय प्रेमी हैं तथा पूधाम में रुचि रहते हैं।
पता: छाबड़ा एण्ड कम्पनी, झुमरीतिलैया (हजारीबाग) श्री मूलचंद काला
खूटी (रांची) के वयोवृद्ध समाजसेवी श्री मूलचंद जी काला 80 वर्ष पार कर चुके हैं । पहिले कपड़ा व्यवसाय या लेकिन अब रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आप अविवाहित है । इसलिये आपके भतीजे महावीरप्रसाद जी (43 वर्ष)शिखरचंद जी (40 वर्ष) एवं प्रेमचंद जी (25 वर्ष) ही आपकी सेवा करते हैं। महावीरप्रसाद जी की पत्नी का नाम कुसुमबाई है जो दो पुत्र एवं दो पुत्रियों की मां है । शिखरचंद जी की पत्नी मालतीदेवी दो पुत्रियों एवं एक पुत्र की जननी है।
आपका सामाजिक जीवन एवं धार्मिक जीवन दोनों ही उल्लेखनीय है 1 रांची में देदी प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर इन्द्र बन चुके हैं । खूटी में आपको नगर पिता माना जाता है । यहां की जैन पंचायत के अध्यक्ष माने जाते हैं। खूटी में जैन धर्मशाला एवं कुओं के लिये जमीन दी हुई है । मुनिभक्त हैं । आहार आदि देते रहते हैं ! आपके चाचाजी इन्दरचंदजी काला स्वतंत्रता सेनानी रहे थे। पता - मोतीलाल महावीरप्रसाद जैन
मु.पो.खूटी (रांची) बिहार
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श्री मोतीलाल बैनाड़ा
___आपके दादाजी श्री माणकचंद जी बैनाड़ा के पिताजी बिहारीलाल जी एक शताब्दि पूर्व फिरोजाबाद से पटना आये थे । श्री मोतीलाल जी बैनाड़ा के पिताजी श्री ऋषभचंद जी बैनाड़ा थेजिनका सन् 1971 में 63 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। लेकिन आपकी माताजी श्रीमती पापाबाई का अभी आशीर्वाद प्राप्त है ।