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532) जैन समाज का वृहद् इतिहास
आपके द्वारा मारोठ के साहों के मंदिर में वेदी का जीर्णोद्धार करवाया तथा पदमपुरा में बाहुबली स्वामी की मूर्ति की प्रतिष्ठा करवाकर कुचामन के मंदिर में विराजमान की। सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं। आपकी माताजी के शुद्ध खान-पान का नियम है । पूरा परिवार मुनिपत है।
आपके चार छोटे भाई हैं : श्री महावीर प्रसाद 52 वर्ष के हैं । पत्नी का नाम पतासीदेवी है। जो अष्टान्हिका का उपवास कर चुकी हैं । तीन पुत्रियों एवं दो पुत्रों से अलंकृत है। दूसरे भाई सोहनलाल 45 वर्ष के हैं । बी.ए.पास हैं । गुणमाला देवी पत्नी है जो एक पुत्र एवं एक पुत्री की जननी है। तीसरे भाई मोहनलाल 44 वर्ष के हैं । एम.काम हैं । रांची में सैलटैक्स आफीसर हैं। उनकी पत्नी प्रेमलता एक पुत्र एवं दो पुत्रियों की माता है। सबसे छोटे भाई ज्ञानचंद जी बी.ए. हैं। 40 वर्षीय युवा हैं । मेडीकल स्टोर चलाते हैं। पत्नी का नाप शांति है जो एक पुत्र एवं एक पुत्री की मां है।
पता : धर्मचन्द महावीरप्रसाद, पुरानी गोदाम, गया (बिहार) श्री पदमचंद अजमेरा
गया दि.जैन समाज के वर्तमान अध्यक्ष श्री पदमचंद अजमेरा का जन्म 14 अगस्त सन् 1933 को हुआ। आपके पिताजी श्री सुगनचंद जी का 9.1.1976 को 62 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। आपकी माता जी श्रीमती मत्रीदेवी जी कुचामन के श्री प्रभुलाल जी पांड्या की सुपुत्री हैं जिनका आशीर्वाद प्राप्त है। आपने मैट्रिक परीक्षा पास की तथा यस व्यवसाय (होलसेल एवं रिटेल) में लग गये ।
सन् 1948 में आपका विवाह श्रीमती विद्या कुमारी के साथ संपन्न हुआ। आपके पूरे . , परिवार की मुनि सेवा में पूर्ण रुचि रहती है । माताजी के शुद्ध खान-पान का नियम है । अजमेरा ... जी चार महिने तक सन् 1940 में अमेरिका एवं यूरोप में भ्रमण कर चुके हैं । आप दि.जैन विद्यालय गया के 6 वर्ष तक मंत्री रहे। महिला शिक्षालय के सक्रिय सदस्य हैं । चैम्बर आफ कामर्स मलावी ब्लड बैंक के सदस्य हैं।
आपके तीन छोटे भाई हैं। श्री विजयकुमार 48 वर्षीय हैं। शकुन्तला धर्मपत्नी हैं। उनके दो पुत्र अजयकुमार एवं अमितकुमार हैं। दूसरे भाई देवेन्द्रकुमार 45 वर्षीय युवा हैं । एम.एस.सी. है। पत्नी का नाम आया है जो दो पुत्र एवं एक पुत्री की जननी है। आप साकेत दुकान देखते हैं । तीसरे भाई वीरेन्द्र कुमार जियोफिजिस्ट में फर्स्टक्लास फर्स्ट रहे हैं। सन् 1969 के
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श्रीमती विद्याकुमारी
श्री बी.के.जैन
श्री देवेन्द्र कुमार