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आप कुचामन पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में, सीकर में आयोजित इन्द्र ध्वज मंडल विधान में सौधर्म इन्द्र के यशस्वी पद से अलंकृत हुये तथा लूणवा (राज) में वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न कराया। सन् 1981 में आयोजित भगवान बाहुबली सहस्त्राब्दि महामस्तकाभिषेक महोत्सव के अवसर पर 1000 यात्रियों का संघ लेकर सबको भगवान गोम्मटेश्वर बाहुबली की प्रतिमा का अभिषेक करने का अवसर प्रदान किया और यशस्वी कार्य संपादन के लिये तीर्थ भक्त, दानवीर जैसी उपाधियों से विभूषित किये गये। भागलपुर, श्री महावीर जी, सीकर, श्रवणबेलगोला, त्रिलोक शोध संस्थान हस्तिनापुर में विभिन्न सम्मान पत्रों, उपाधियों से अलंकृत हो चुके हैं ।
बिहार प्रदेश का जैन समाज /535
आपके द्वारा देवीपुरा सौकर मंदिर में चन्द्रप्रभु स्वामी को प्रतिमा तथा गोमियाना में शांतिनाथ की विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया गया।
आपका जन्म फाल्गुण शुक्ला पूर्णिमा संवत् 1985 को हुआ। आपके पिताजी श्री नेमीचंद जी गंगवाल थे जिन्होंने क्षुल्लक दीक्षा धारण करके नेमीसागर तथा अन्त में मुनि दीक्षा धारण कर कुचामन में पुरानी नशियां में समाधि मरण प्राप्त किया। जिनकी वहां समाधि बनी हुई है।
आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती कमला देवी है तथा आप पांच पुत्रों हंसराज, गजराज, दिलीपकुमार, प्रदीपकुमार, ललितकुमार तथा दो पुत्रिय श्रीमती अंजना देवी एवं श्रीमती मंजूदेवी से अलंकृत हैं ।
आपकी ओर से वर्तमान में तिजारा एवं श्री महावीर जी में निशुल्क भोजनालय चल रहे हैं। वह भी आपकी उदारता का परिचायक है। गंगवाल साहब उन्नतशील व्यक्तित्व के धनी हैं। समाज को आपसे बहुत अपेक्षायें हैं।
पता:
1. धर्मशाला रोड, झरिया
2. जैन कुंज, कालोनी, जयपुर
श्री फूलचंद अजमेरा
श्री अजमेरा जी का जन्म 17 अगस्त सन् 1919 को हुआ। आपके पिताजी श्री सोनूलाल जी का 14 वर्ष पूर्व 76 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हुआ तथा माताजी श्रीमती मोहिनी बाई जी का इसके पहिले ही निधन हो गया था। सोनूलाल जी सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख कार्यकर्ता रहे थे। श्री फूलचंद जी ने सन् 1940 में आगरा विश्वविद्यालय से बी.कॉम. किया। इसके पूर्व ही सन् 1935 में आपका विवाह सितारा देवी से हो गया जिनसे आपको पांच पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। श्रीमती सितारादेवी के शुद्ध खानपान का नियम था। आप प्रायः उपवास करती रहती थीं। आपका करीब 14 वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो चुका है।
अजमेरा जी रेल्वे एवं पी.डब्ल्यू.डी. के ठेकेदार हैं। आपके पांच पुत्र सर्व श्री अजितकुमार, अरुणकुमार, अनूपकुमार, मनोजकुमार एवं दीपककुमार हैं सभी ग्रेज्यूएट हैं। प्रथम तीन पुत्रों का विवाह हो चुका है तथा अंतिम दो पुत्र अभी अविवाहित हैं तथा जो पिताजी के साथ कार्य करते हैं। पुत्रियों में कुसुमलता, कंचन, बीना, रेणु एवं शोभा सभी का विवाह हो चुका है।