________________
500/ जैन समाज का वृद्ध इतिहास
सोनी जी पक्के मुनिभक्त हैं। मुनियों को आहार देते रहते हैं। पदमपुरा में दो बार सिद्धचक्र विधान करा चुके हैं। एक बार सेठ जी की नशियां अजमेर में तेरह द्वीप मंडल विधान कराया था। अपने आमगांव से दो मूर्तियां लाकर अजमेर चैत्यालय में विराजमान की थी। पता : भोजनशाला बिल्डिंग, सेठ जी की नशियों के सामने, अजमेर।
श्री हरकचन्द सौगानी
खीरिया नसीराबाद के निवासी श्री हरकचन्द जी सौगानी समाज के उत्साही कार्यकर्ता हैं। आपका जन्म सन् 1921 में हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त की तथा किंगणा एवं लेनदेन का कार्य प्रारंभ कर दिया। सन् 1938 में आपका मनोहरदेवी के साथ विवाह हुआ । जिनसे आपको पांच पुत्र भंवरलाल, महावीर प्रसाद, नेमीचन्द, ज्ञानचन्द्र, सुभाषचन्द तथा पांच पुत्रियां कमला. विमला, शान्ता, मैना एवं इंदिरा के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सभी पुत्र एवं पुत्रियों का विवाह हो चुका है। आपके तीन पुत्र भंवरलाल, महावीर प्रसाद तथा सुभाष चन्द इचलकरण जी में पावरलूम एवं प्रिंटिंग का कार्य करते हैं।
सौगानी जी रात्रि में जल भी नहीं लेते है संगीतज्ञ है। दूसरे कवियों के भजनों के अतरिक्त अब तक स्वयं न भी 500 से अधिक भजन एवं गीत बना लिये है। आपके पुत्र भंवरलाल जो भी आपकी तरह धार्मिक विचारों के व्यांत हैं।
नोट खोरिया गाव में 8 जैन परिवार हैं जिनमें 7 सौगानी परिवार हैं ।
-
पता : मु.पो. खोरिया वाया नसीराबाद (अजमेर)
श्री हेमराज बड़जात्या, अजमेर
जन्म : नसीराबाद के निकट ढाल ग्राम में चैत्र कृष्णा भं. 1977 को जन्म हुआ ।
शिक्षा : सामान्य हिन्दी, अंग्रेजी
माताजी श्रीमती नोरती बाई
पिताजी : श्री चांदमल जी बड़जात्या (दोनों ही का स्वर्गवास हो चुका है 15 साल की उम्र में ही अजमेर गोद आ चुके थे तब से अजमेर हीं में हैं ।
हाल ग्राम में एक दिगम्बर जैन मन्दिर भी है। समाज के चार घर भी हैं।
व्यवसाय : अजमेर लोढा स्टेट में कैशीयर व बिल्डिंग सुपरवाईजर की पोस्ट पर 50 साल से कार्यरत हैं ।
विवाह : संवत् 1997 में श्रीमती सुन्दर बाई से अजमेर में ही हुआ।
सन्तान एक दत्तक पुत्र गोद के रूप में लिया है जिसका नाम विशालबन्द है ।
1