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जयपुर नगर का जैन समाज/325
विभिन्न मंदिरों में श्री णमोकार महामंत्र का जाप्य प्रतिदिन रात्रि में एक माला संगीत से कर रहे हैं।
आपके द्वारा गाये गये णमोकार मंत्र को सुनकर प.पू.श्री 108 गणधराचार्य कुंथुसागरजी महाराज ने आपको संगीताचार्य का पद प्रदान किया है । आप सभी साधुओं की सेवा में सदैव तल्लीन रहते हैं, इसीलिये वर्ष 1988 में आरा (बिहार) में आयोजित पंचकल्याणक के शुभावसर पर आपको अखिल भारतीय दि.जैन महासभा के द्वारा गुरू उपासक के पद से विभूषित किया था। आपके निवास स्थान पर परम पूज्य श्री 108 विमल सागरजी महाराज विशाल संघ सहित (47) पिच्छी पधारकर देवाधिदेव श्री INOS धर्मनाथ भगवान की मूर्ति स्थापना को जिससे आप प्रतिदिन प्रक्षाल,पूजन आदि का लाभ उठा रहे हैं।
आप अपनी धुन के पक्के हैं तथा साहित्य प्रकाशन में उल्लेखनीय कार्य किया है। वर्ष 1972 में आपने समाधि सम्राट आचार्य महावीर कीर्ति जी महाराज का पावन जीवन चरित्र पद्य रूप में प.पूज्या श्री 105 मिनी आर्यिका विजयमती माताजी द्वारा लिखित प्रकाशित करवाया।
भगवान महावीर के 2500 वें निर्वाण महोत्सव वर्ष में आपने 24 तीर्थंकरों को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ विभिन्न स्थानों पर जन्म जयन्ति मनाई और परिचयात्मक उनकी अलग-अलग लघु पुस्तिकायें भी प्रकाशित करवाई।
वर्ष 1981 में आयोजित बाहुबलि महामस्तकाभिषेक महोत्सव के शुभावसर पर आपने परम पूज्य श्री 108 गणधराचार्य कुंथु सागर जी महाराज व प. पूज्या श्री 105 गणिनी आर्यिका विजयामाती माताजी के मंगलमय शुभाशीर्वाद से श्री दि.जैन कुंभु विजय पंथमाला समिति को स्थापना की और मंथमाला समिति के प्रकाशन संयोजक बने । सर्व प्रथम लघुविद्यानुवाद ग्रंथ का प्रकाशन करवाया। जिसका प्रकाशन आज तक नहीं हुआ था। इसके पश्चात् पंथमाला के माध्यम से अब तक 17 ग्रंथों का प्रकाशन करा चुके हैं और आगे भी महत्वपूर्ण ग्रंथों के प्रकाशन के कार्य में जुटे हुये हैं।
आपको धर्मपत्नी मेमदेवी जो हैं जो अत्यधिक सरल एवं मधुर स्वभाव की होने के साथ सदैव ही श्री गंगवाल जी के माय धार्मिक कार्यों को सम्पन्न कराने में सहयोग देती रहती हैं । आप दोनों दो पुत्र व दो पुत्रियों के माता-पिता हैं । ज्येष्ठ पुत्र श्री प्रदीप कुमार है जो पूर्ण धार्मिक संस्कारों से परिपूर्ण है।
पता : जौहरी बाजार,धी वालों का रास्ता,कसेरों की गली,जयपुर राज. दूरभाष- 562404
श्री शांतिलाल गंगवाल
बापू नगर जयपुर संभाग के प्रमुख युवा सामाजिक कार्यकर्ता श्री शांतिलाल गंगवाल का जन्म 5 सितम्बर,1947 को कुली पाम जिला सीकर में हुआ। आपके पिता श्री हनुमानबक्ष जो गंगवाल अभी गांव में ही रहते हैं। आपने गौहाटी यूनिवर्सिटी से बी.कॉम.(आनर्स) प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया एवं यूनिवर्सिटी की योग्यता सूची में नवां स्थान प्राप्त किया। इसके पश्चात् चार्टर्ड अकाउन्टेंट की परीक्षा पास की। 9 मार्च, 1970 को आपका विवाह श्रीमती सुशीला देवी के साथ संपन हुआ। आप दोनों पति पत्नी को एक पुत्र एवं दो पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। बड़ी पुत्री वंदना का विवाह हो चुका है। विपिन एवं वीणा पढ़ रहे हैं।
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