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464/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
आचार्य धर्मसागर जी,आ.श्रेयान्स सागर जी उपाध्याय योगीन्द्र सागर जी को आहार देकर पुण्योपार्जन किया है। आप शांत स्वभावी एवं सरल परिणाम वाले श्रेष्ठी हैं।
पता : छोगालाल मूलचंद जैन सोनी,बिजोलिया (भीलवाड़ा) श्री रतनलाल काला
बिजोलिया (भीलवाड़ा) के निवासी श्री रतनलाल काला का जन्म संवत् 1934 (सन् 1930 में हुआ। सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् अनाज एवं किराये के व्यापारी बन गये । संवत् 2010 में आपका विवाह श्रीमती भंवरदेवी से हो गया । जिनसे आपको एक पुत्र एवं एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । पुत्र दिनेश पढ़ रहा है तथा पुत्री लाडबाई का विवाह हो चुका है।
बिजोलिया के छोटे मंदिर में आपके पिताजी स्व.श्री कन्हैयालाल जी ने आदिनाथ की प्रतिमा विराजमान करने का गौरव प्राप्त किया था । स्वयं काला जी काँमेस (आई) के कर्मठ कार्यकर्ता हैं । बिजोलिया तीर्थक्षेत्र कमेटी के कोषाध्यक्ष हैं तथा नगर के प्रमुख व्यवसायो ।
पता : नेमीचंद दिनेश कुमार जैन, बिजोलिया (भीलवाड़ा) श्री रोरूलाल गदिया
श्री गदिया जी चित्तौड़ जिले के मंडलिया सांवला जी ग्राम के निवासी हैं। आपको आयु 70 वर्ष की होगी । आपके पिताजी श्री भुवानीराम का संवत् 2011 को स्वर्गवास हो गया । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आपका विवार श्रीमती सोहनबाई से संवत् 1991 में हो गया। वर्तमान में आप 6 पुत्रों एवं एक पुत्री मनोरमा के पिता हैं । उनमें से प्रथम पुत्र श्री मदनलाल जी वकालत करते हैं । दूसरे पुत्र पूरणमल जी व्यापार करते हैं । तीसरे पुत्र श्रवणकुमार बैंक सर्विस में हैं । शेष पुत्र श्री सुरेशकुमार, मनोहरलाल एवं अशोककुमार निम्बाहेड़ा में व्यवसाय कर रहे हैं।
सांवलिया जी वैष्णव समाज का प्रसिद्ध तीर्थ है । यहां के जैन मंदिर के आप लगातार 23 वर्षों तक अध्यक्ष रहे । मुनियों के कट्टर भक्त हैं । अचार्य सुमति सागर जी का एक बार जब पूरा संघ मंडलिया आया तो आपने पूरे परिवार के साथ उनकी बहुत सेवा की थी। आप सादा जीवन उच्च विचार वाले व्यक्ति हैं। आपके पुत्र मनोहरलाल जी वर्तमान में सांवलिया ट्रस्ट की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। .
पता: रूपचंद भुवानीराम जैन,मंडलिया सांवलाजी चित्तौड़ (राज) श्री सुगनचंद जैन
साह गोत्रीय श्री मुगनचंद जो जैन अपनी मामाजिक, राजनैतिक छवि के लिये पूरे जिले में प्रसिद्ध हैं । उनका जन्म जेठ सुदी 3 संवत् 1987 को हुआ। आपके पिताजी श्री फूलचंद । जी का स्वर्गवास 6 वर्ष पूर्व आसोज बुदी 5 को हो गया था । माताजी गट्ट बाई का आशीर्वाद प्राप्त है । संवत् 2006 में आपका विवाह बागूदार के श्री मदन गोपाल की सुपुत्री कंचनदेवी के साथ हुआ।
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