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486/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
6 फरवरी सन् 1951 में आपका विवाह श्रीमती रतनमाला देवी के साथ संपन्न हुआ जिनसे आपको चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। सर्व श्री अशोक कुमार,कमल कुमार, अरुण कुमार एवं धर्मेन्द्र कुमार सभी ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में लगे हुये हैं। इनके पास व्यक्तिगत गाडियां (सभी प्रकार की) हैं व जैन गुड्स ट्रांसपोर्ट कं./राजस्थान रोड लाइंस/हेमा ट्रेडिंग कम्पनी व विभिन्न अन्य फर्मों के तहत कार्य करते हैं।
पाटनी जी ने अपना सन् 1951 से 1956 तक का जीवन एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किया। इसके पश्चात् ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में चले गये । आप प्रातः एवं सायं शालों का स्वाध्याय सामूहिक रूप से करते हैं । जिसने स्वाध्याय शाला का रूप ले रखा है । इसके अतिरिक्त आप 24 घंटों के दौरान 5-6 घंटे नियमित रूप से सामायिक करते हैं। आप सामाजिक कार्यों में पूर्ण रुचि रखते हैं व इसे अपना प्रथम कर्तव्य समझते हैं । इसके अतिरिक्त आप नसीराबाद नगर विकास समिति,नसीराबाद के अध्यक्ष पद पर रहते हुये राज. सरकार व नसीराबाद नागरिकों के सहयोग से अस्पताल का निर्माण करा चुके हैं । आप नसीराबाद जैन समाज के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। आप मुनि भक्त है,आहार आदि से मुनि भक्ति करते रहते हैं, यात्रा प्रेमी हैं । आप सार्बजनिक संस्थाओं को भी आर्थिक सहयोग से उपकृत करते रहते हैं।
पता : जैन गुडस् ट्रांसपोर्ट कम्पनी, फ्रामजी चौक,नसीराबादा
श्री मदनलाल गंगवाल
मदनगंज किशनगढ़ के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री मदनलाल जी गंगवाल का सर्राफा व्यवसाय में उल्लेखनीय स्थान है । धार्मिक एवं सामाजिक सभी गतिविधियों में आप खूब रुचि लेते हैं । मदनगंज में आयोजित मुनिसुव्रत नाथ पंचकल्याणक महोत्सव में आप पति-पत्नी इन्द्र एवं इन्द्राणी पद से सुशोभित हुये थे । राजास (शाहपुरा) में वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव पर मंदिर
के द्वार खोलने की बोली ली थी। मुनिसुव्रतनाथ दि. जैन मंदिर एवं धर्मसागर विद्यालय को कार्यकारिणी के सदस्य
।
आपका जन्म फाल्गुण सुदो संवत 1984 रविवार को हुआ । आपके पिताजी श्री सूरजमल जी गंगवाल दूसरे प्रतिमाधारी थे । संवत् 2024 में इनका स्वर्गवास हो गया । आपकी माताजी श्री स्वर्गवासी हो गई हैं। आपका विवाह संवत 2006) में प्यारीदेवी के साथ संपन्न हुआ। आप धार्मिक स्त्र भाइ की महिला है। व्रत उपवास करने में आगे रहती हैं। आप दोनों को पत्र सभापचंद (चीकॉम 1-774) अशोक, कमल एवं विजय (एम.कांग) नशा ( भुत्रियों सुमति, "या, मंतोष उपा, चमन एवं अलका के माता पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है।
श्रीमती घेवरी देवी