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466 / जैन समाज का वृहद् इतिहास
दूसरे पु अमोलकचंद 35 वर्षीय युवा हैं। दो पुत्र एवं एक पुत्री से सुशोभित हैं। तीसरे पुत्र सुरेश कुमार बी.ए. हैं। वस्त्र व्यवसाय करते हैं। दो पुत्रों के पिता हैं।
गोधा जी कट्टर मुनि भक्त हैं तथा गांव में आने वाले सभी मुनियों को आहार आदि से पूरी सेवा करते हैं।
राजमल सोहनलाल गोधा
वस्त्र विक्रेता, दानिया की कोटडी (भीलवाड़ा) राज.
पता :
श्री हीरालाल अजमेरा
भीलवाड़ा के वयोवृद्ध समाजसेवी हैं । श्री हीरालाल अजमेरा ने अपने जीवन के 83 बसना देख लिए है। संवत् 1980 में आपका विवाह श्रीमती छाउ बाई से हो गया। आपको एक पुत्र, तीन पुत्रियों एवं दो पौत्रों की प्राप्ति हो चुकी है। आपके एकमात्र पुत्र शुभचन्द अजमेरा के आकस्गिक निधन से आपके जीवन में एक रिक्तता आ गई लेकिन आप सतत समाज सेवा में लगे रहे और भीलवाड़ा एवं उसके समीपस्थ सभी संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। भीलवाड़ा में तेरह पंथ मन्दिर का निर्माण, सवा छः फिट ऊंची बाहुबली स्वामी की प्रतिमा की प्रतिष्ठा करवाने के लिए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का आयोजन करवाया। महावीर हायर सैकण्डरी स्कूल के संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं। इसी तरह महावीर दिगम्बर औषधालय के भी आप अध्यक्ष हैं।
अजमेराजी की सामाजिक एवं धार्मिक सेवाएं अत्यधिक उल्लेखनीय हैं। हम आपके दीर्घ जीवन की कामना करते हैं।
पता : दिगम्बर जैन तेरह पंथ मन्दिर भूपालगंज, भीलवाड़ा ।