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480/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
श्री दीपचंद चौथरी
स्व.श्री रिखवचन्द चौधरी के सुपुत्र श्री दीपचंद जी चौधरी मदनगंज किशनगढ समाज के प्रतिष्ठित सज्जन हैं । आपके पूर्वज सांपर से सिवनी गये और फिर वहां से किशनगढ़ आये । आपका जन्म मंगसिर सुदी 10 संवत् 1985 को हुआ । सेन्ट जोन्स कॉलेज आगरा से इन्टरमीजियेट पास करने के पश्चात् आप व्यवसाय की ओर मुड़ गये एवं सावन निर्माण का कार्य करने लगे । सन् 1948 को 1 जून को आपका सोनी देवी से विवाह हुआ और उनसे आपको दो पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके ज्येष्ठ पुत्र सी.ए. हैं।
चौधरी जी युवा समाजसेवी हैं। आदिनाथ दि. जैन तेरह पंथ पंचायत मंदिर के निर्माण में पूरा सहयोग दिया है। इस मंदिर के आप प्रारंभ से ही सक्रिय सदस्य रहे हैं 1 चौधरी जी सन् 1966 से 68 तक नगर पार्षद भी रह चुके हैं । पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान के माता-पिता बनकर प्रतिष्ठा में सहयोग दिया तथा महोत्सव के मंत्री के पद पर कार्य किया । दि. जैन संगीत मंडल के पहिले मंत्री रहे वर्तमान में इसके अध्यक्ष हैं।
धार्मिक जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। प्रतिदिन पूजा एवं अभिषेक करने का नियम है । मुनि भक्त हैं । आचार्य विद्यासागर जी की प्रतिवर्ष वंदना करने जाते हैं। शुद्ध खानपान का नियम है । मुनियों को आहार देने में रुचि लेते हैं।
पता: हीरा सोप वर्क्स ,मदनगंज किशनगढ़
पं. दीपचन्द छाबड़ा
विधि विधानों को संपन्न कराने में दक्ष पं.दीपचन्द छावड़ा का जीवन भी विविधताओं से ओतप्रोत है । आपका जन्म 5 जुलाई सन 1951 को हुआ। आपके पिताजी श्री लादूलाल । जी छाबड़ा का स्वर्गवास आपके विवाह के तीन महिने तीन दिन बाद ही हो गया । आपकी माताजी की अभी छत्रछाया प्राप्त है। सन् 1982 में 27 जून 82 को आपका विवाह श्रीमती मंजू के साथ संपन्न हुआ । वर्तमान में आपको तीन पुत्रों के पिता होने का सौभाग्य प्राप्त है।
छाबड़ा जी अच्छे पंडित हैं । प्रवचन करते हैं। शिक्षण शिविरों के आयोजनों में रुचि लेते हैं । इम्फाल,तिनसुकिया एवं कलकत्ता की सामाजिक पाठशालाओं में पढ़ा चुके हैं । लेख . . वगैरह भी लिखते रहते हैं।
पता- श्री दीपचन्द छाबड़ा पोस्ट नांदसी वाया धिनाय जिला-अजमेर
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