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3521 जैन समाज का वृहद् इतिहास
श्री सुगनचंद पाटनी
जोबनेर निवासी श्री सुगनचंद पाटनी मानव सेवा एवं समाज सेवा की प्रतिमूर्ति हैं। विगत 50 वर्षों से आप ग्राम सेवा एवं समाज सेवा में इतने समर्पित हैं कि आपके प्रति जन । सामान्य में गहन श्रद्धा के भाव उमड़ पड़ते हैं। आपका जन्म 29 अप्रैल,1916 को हुआ। स्व. नेमीचंद जी पाटनी आपके पिताजी थे तथा श्रीमती लादी बाई आपको माताजी थी जो प्रसिद्ध दार्शनिक विद्वान स्व.पं.चैनसुखदास जी न्यायतीर्थ की बहिन थी । माता का वियोग 2 वर्ष की आयु में ही हो गया,पिताजी हमेशा बीमार रहते थे इसलिये 9 वीं कक्षा से आगे अध्ययन चालू नहीं रख सके और रोटी रोजी के लिये दुकान पर बैठना पड़ा। आपका विवाह मनफूल देवी
५ सुपुत्री भूरमल जी छाबड़ा बगरू बालों के साथ सपन शु। आपकी धर्मपत्नी आतिथ्य तथा . घरेलू कार्यों में निपुण थी लेकिन उनका भी अल्पायु में ही स्वर्गवास हो गया।
पाटनी जी का अध्ययन की ओर विशेष झुकाव रहा इसलिये स्वाध्याय के वक्त पर आपने अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया । छात्र-छात्राओं में धार्मिक एवं लोकिक प्रचार प्रसार के लिये वीर निर्वाण सं.2489 में जोबनेर में प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय शांतिवीर जैन गुरूकुल की स्थापना में पूरा योगदान दिया और उसके अध्यक्ष 23 वर्ष तक रहे । गुरुकुल के लिये जनसहयोग लेकर विशाल भवन का निर्माण करवाया। अपनी पत्नी की स्मृति में आपने भी
उसमें एक कमरा बनवाया । पाटनी जी दि. बैन अ. क्षेत्र पदमपुरा के वर्षों तक सदस्य रहे । श्रीपती मरफूल देवी
भगवान महावीर 2500वाँ निर्वाण महोत्सव समिति तहसील फुलेरा के अध्यक्ष रहे तथा जोबनेर नगर परिषद के सदस्य रहे । जयपुर राज्य प्रजा मंडल एवं कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे । दि.
जैन संस्कृत आचार्य महाविद्यालय जयपुर की शाताब्दी समारोह समिति के सदस्य रहे । राज. जैन साहित्य परिषद परीक्षालय समिति एवं राज.विद्वत परिषद के सदस्य रहे । आप जहां भी रहे तन मन धन से संस्थाओं के विकास में पूरा योग दिया।
आप मुनि भक्त हैं,जोबनेर मुनिसंघ चातुर्मास समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं अपने ही गांव में दि.जैन चन्द्रप्रभु मंदिर की वेदी प्रतिष्ठा एवं रथयात्रा महोत्सव व समिति के भी अध्यक्ष रहकर प्रशंसनीय कार्य किया। श्री पाटनी जी पूरे जोबनेर का प्रतिनिधित्व करते हैं । वेदी प्रतिष्ठा एवं रथयात्रा महोत्सव के अवसर पर विशाल आम सभा में आपकी अभूतपूर्व सेवाओं को देखते हुये आपको अभिनंदन पत्र मेंटकर सम्मानित किया गया । पाटनी जी ने अपने भतीजे श्री प्रेमचंद पाटनी के पुत्र श्री प्रमोद कुमार को दनक पुत्र बनाया है। श्री प्रमोद कुमार सेवाभावी युवक हैं तथा राज. सरकार की सेवा में हैं। पत्नी का नाम श्रीमती कान्ता देवी है तथा वह एक पुत्र एवं एक पुत्री से अलंकृत है।
वर्तमान में श्री पाटनी जी शरीर से अस्वस्थ रहते हुये श्री स्वाध्याय एवं शास्त्रों के अध्ययन में लगे रहते हैं तथा समाज एवं पूरे गांव को मार्गदर्शन देते रहते हैं तथा आपके दीर्घ जीवन की कामना करते हैं।
पता:- सुगनचंद पाटनी,जोबनेर (जयपुर)