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राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /419
सेठी जी ने 67 बसन्त देख लिये हैं। आपके पिताजी श्री इन्दरचंद जी एवं माताजी श्रीमती बल्लूबाई दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है । आपने मैट्रिक पास की। सन् 1942 में आपका विवाह श्रीमती गुलाबदेवी से संपन्न हुआ लेकिन विवाह के 4 वर्ष पहात् ही वे सबको छोडकर चल बसी । तब से आपने सार्वजनिक सेवाकार्य अपना लिया है और मानव मात्र को सेवा में जुटे हुये हैं। आपके पिताजी भी धार्मिक स्वभाव के थे । आपसे छोटे तीन भाई और हैं उनमें श्री सोहनलाल एवं शांतिलाल जी जयपुर रहते हैं तथा मोहनलाल जी का स्वर्गवास हो चुका है ।
सेठी जी लाडनूं की सभी संस्थाओं से जुड़े हुये हैं। आपका जीवन गतिशील रहता है । स्वभाव से आतिथ्य प्रेमी हैं । पता : इन्दरचंद कन्हैयालाल सेठी लाडनूं (राज)
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श्री कन्हैयालाल सेठी लीचाणावाले
लीचाणावाले श्री कहैयालाल जी सेठी अपने जमाने के यशस्वी समाजसेवी, उदार हटम पर्स पार्मिक प्रकृति के श्रेजो। म जालीचाण प्राम में हुआ और अपना अधिकांश जीबन दीनहट्टा (पं. बंगाल) में जूट एवं तम्बाकू के प्रमुख व्यवसायी के रूप में बिताया लेकिन जीवन के अन्तिम 20 वर्ष उन्होंने कुचामन में व्यतीत किये जिनमें अधिक से अधिक समाज सेवा में लगे रहे। अपनी पैतृक भूमि लीचाणा में पांच लाख की लागत की धर्मशाला,औषधालय एवं स्कूल भवन का निर्माण करवाया और फिर औषधालय एवं विद्यालय भवन को राज्य सरकार को दे दिया। जिनमें दोनों ही संस्थायें वर्तमान में अच्छी तरह से चल रही हैं।
कुचामन में वे नागौरी मन्दिर के वर्षों तक अध्यक्ष रहे | कुचामन में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में सक्रिय भाग लेकर उसे सफल बनाया । सेठी जी अपने परिवार में एकरूपता रखना चाहते थे। इसी दृष्टि से उन्होंने अपने छोटे भाई गुलाब चन्द जी के पुत्र महावीर प्रसाद एवं राजकुमार जी को अपने कारोबार में सम्मिलित कर लिया। वर्तमान में महावीर प्रसाद जी आम्रगुड़ी (आसाम) में व्यवसायरत हैं । सेठी जी ने अपने सभी भाइयों की लडकियों के विवाह किये और बान्धव प्रेम का स्तुत्य उदाहरण प्रस्तुत किया। कन्हैयालालजी सेठी का निधन 2 जून 1985 को 83 वर्ष की आयु में कुचामन में हुआ ।
उनके स्वयं के कोई सन्तान नहीं थी इसलिए उन्होंने श्री कस्तूरचन्द जी को अपना दत्तक पुत्र बनाया । उन्होंने अपने पिता की बहुत सेवा की और सेवा करते करते ही अकस्मात् हृदय गति बन्द हो जाने के कारण दिनांक 15.6.84 को 60 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया । वे भी सेवाभावी एवं मिलन सार स्वभाव के थे। ___वर्तमान में दीनहटा में कस्तूरचन्द जी सेठी के पुत्र पदमचन्द जी कारोबार देखते हैं । वे 42 वर्ष के युवा है। तीन पुत्रियों एवं दो पुत्रों से अलंकृत हैं ।
कुचामन में राजकुमार जी कार्य देखते हैं । वे 45 वर्ष के युवा है। सन् 1967 में उनका विवाह श्रीमती शकुन्तला देवी के साथ संपन्न हुआ था । वे पांच पुत्रियों एवं एक पुत्र से सुशोभित हैं। वे भी स्वभाव से विनम्र,उदार एवं धार्मिक प्रवृत्ति के
युवा हैं।
पता : कन्हैयालाल झूमरमल,कुचामन सिटी।