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राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /429
श्री जेठमल सेठी
लाडनूं निवासी श्री जेठमल सेठी अच्छे समाजसेवी हैं । दिसम्बर सन् 1929 को आपका जन्म हुआ। मैट्रिक किया और फिर आर एम पी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर बने आपके पिताजी श्री बाराचंद जोसेटी का निसा हो चुका है लेकिन माताजी का आशीर्वाद प्राप्त है। सन् 1954 में श्रीमती सुलोचना के साथ आप विवाह सूत्र में बंधे । आप तीन पुत्र अशोक, राजेन्द्र एवं जितेन्द्र तथा दो पुत्री कल्पना एवं पुष्पा से अलंकृत हैं । आपके छोटे भाई गजराज सेठी जी जयपुर में राजस्थान क्रेडिट कारपोरेशन के मालिक हैं।
सन् 1985 में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह समिति के आप उपाध्यक्ष रहे हैं 1 नगर कांग्रेस कमेटी के मंत्री एवं व्यापार मंडल के अध्यक्ष हैं । महावीर उच्च माध्य. वि. के व्यवस्थापक तथा बड़े मंदिर की पंचायत के मंत्री रह चुके हैं। आजकल उसकी कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
आपकी माताजी मुनि भक्त हैं तथा आहार देती रहती हैं।
पता- सेठी निकेतन,राहु दरवाजे के पास, लाडनूं राज. श्री जोरावरमल बाकलीवाल
लालगढ़ सुजानगढ से आकर मेड़ता सिटी में बसने वाले श्री जोरावरमल जो बाकलीवाल मेड़ता सिटी के प्रसिद्ध समाजसेवी हैं । आपका जन्म जेठ बुदी 3 संवत् 1971 में हुआ। सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पक्षात् आप जूट को दलालो एवं अनाज का व्यवसाय करने लगे। 15 वर्ष की आयु में आपका विवाह श्रीमती मगतुदेवी से हो गया । जिनसे आपको 6 पुत्र एवं दो पुत्रियों को प्राप्ति हुई 1 आपके पिताजी श्री केशरीमल जी का 8 फरवरी 71 को &0 वर्ष की आयु में निधन हो गया । माताजी का स्वर्गवास 31 जुलाई सन् 1979 को सावन सुदी 7 संवत 2013 में हुआ।
श्री जोरावर जी धार्मिक एवं आतिथ्य प्रेमी हैं । मेड़ता के पार्श्वनाथ स्वामी के मंदिर में सन् 1985 में पिताजी स्व. श्री केशरीपल जी एवं मातेश्वरी आशा देवी की स्मृति में पार्श्वनाथ स्वामी की मूर्ति बनवाकर विराजमान की थी । आपकी पत्नी के
शुद्ध खानणन का नियम है जो उन्होंने सुजानगढ़ में आचार्य विमलसागर जी महाराज से लिया था तथा वे दो प्रतिमाधारी हैं एवं दशलक्षण व्रत के उपवास कर चुकी है। श्री बाकलीवाल दिगम्बर जैन समाज के कोषाध्यक्ष हैं ।
आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री सम्पतलाल (it) वर्ष के हैं उनको धर्मपली का नाम पानादेवी है। आप 3 पुत्र एवं दो पुत्रियों से सुशोभित हैं । कटक में जूट गल्ल्ला का व्यवसाय करते हैं।
द्वितीय पुत्र श्री शुभकरण जी मड़ता में ही व्यवसाय करते हैं। उनकी पत्नी शांति देवी ने दशलक्षण के उपवाम किये हैं । तृतीय पुत्र श्री जयचंद्रलाल 52 वर्षीय हैं। मद्रास में किराणा की दलाली का कार्य करते हैं । उनकी पत्नी मनफूलदेवी है आप वहां खण्डेलवाल दि.जैन समाज