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राजस्थान प्रदेश का जैन समाज / 461
श्री निहालचन्द अजमेरा
भीलवाड़ा में श्री जिनेन्द्र कला भारती के संस्थापक संरक्षक श्री भागवन्द जी अजमेरा के सुपुत्र श्री निहालचन्द अजमेरा अखिल भारतीय "तर के संगीत के कलाकार हैं। आपका जन्म कार्तिक सुटी 2 संवत् 1991 को हुआ। सन् 1954 में एम.ए. म्यूजिक में किया। सन् 1950 में आपका विवाह श्रीमती कमलप्रभा के साथ हुआ। जिनसे आपको तीन पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभगाय मिल चुका हैं। आपके तीनों पुत्र ललित बी.ए., एल. एल. बी. हैं, पवन कुमार बी. एस. सी. एवं लोकेश बी.कॉम. है तथा सभी मेडीकल व्यवसाय करते हैं। सुश्री नम्रता म्यूजिक में एम. ए. है तथा आशा ने संगीत में बी.ए. किया है।
आपके के खाओं से जुड़े हुए थे। आप स्वयं भी जिनेन्द्र कला भारती के संस्थापक मंत्री हैं। संगीत कला केन्द्र एवं संगीत महाविद्यालय के भी संस्थापक सेक्रेट्री हैं। राज्य की ओर से स्वतन्त्रता दिवस एवं गणतन्त्र दिवस पर सम्मानित हो चुके हैं। अब तक आप देश के विभिन्न भागों में जाकर 1000 से भी अधिक कार्यक्रम दे चुके हैं। स्वभाव से विनम्र एवं मिलनसार हैं । -
आपके बड़े भाई दिलसुखराज जी श्री. ए. एल. एल. बी. हैं। पत्नी का नाम हर्ष कुमारी है। तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियों से अलंकृत हैं : आपके छोटे भाई श्री प्रद्युम्नकुमार बी.एस.सी. हैं। चार पुत्रियों एवं एक पुत्र के पिता । आपकी एक पुत्री ज्योति अजमेरा ने कितनी ही प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है ।
पता :- निहाल मेडिकल स्टोर्स, गांधी बाजार, भीलवाड़ा ।
श्री बसन्तीलाल चौधरी
श्री बसन्तीलाल जी चौधरी भीलवाड़ा में प्रतिष्ठित समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं। आपका जन्म शरद पूर्णिमा संवत् 1427) को हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् ही अप वरू व्यवसाय में लग गये। आपके पिताजी श्री फतेहलाल जी का दि. 1-6-84 को एवं माताजी श्रीमती चंद्रबाई का 8-2-86 को स्वर्गवास हुआ। संवत् 1998 फाल्गुण शुक्ला 2 को आपका शुभ विवाह श्रीमती बादाम बाई से हो गया। आप एक पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके हैं। सभी का विवाह हो चुका है।
श्रीपदी बदाम बाई
चौधरी जी धार्मिक प्रकृति के व्यक्ति हैं। भीलवाड़ा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में आप दोनों भगवान के माता-पिता बन चुके हैं। आपके पिताजी श्री फतेहलाल जी ने उदयपुर में खंडेलवाल दि. जैन मंदिर में मूर्ति विराजमान की थी। आप वर्तमान में भीलवाड़ा ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। इसी तरह भीलवाड़ा प्रान्तीय महासभा के आप अध्यक्ष हैं। दि. जैन अ. क्षेत्र बिजोलिया, चंबलेश्वर पार्श्वनाथ की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। दोनों पति-पत्नी के शुद्ध खान-पान का नियम है। एक बार आ. धर्मसागर जी को भीलवाड़ा से चित्तौडगढ़ ले गये । पक्के मुनि भक्त हैं। राष्ट्रीय स्तर के कार्यकर्ता माने जाते हैं ।
पता : आजाद चौक, भीलवाड़ा।