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432/ जैन समाज का वृहद इतिहास
श्री पन्नालाल चांदवाड़
अपने युग के प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. रामनाथ जी चांदवाड़ के सुपुत्र श्री पन्नालाल चांदवाड़ का जन्म आषाढ बुदी 6 संवत् 1976 को हुआ । आपकी माताजी का स्वर्गवास 15 वर्ष पूर्व हुआ था। श्री पन्नालाल जी सामान्य शिश्वा प्राप्त करने के पश्चात् आढत कमीशन एजेन्सी का कार्य करने लगे। संवत् 1989 में आपका विवाह श्रीमती केशरबाई जी से हो गया जिनसे आपको 4 पुत्र एवं तीन पुत्रियों की प्राप्ति हुई।
आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री फूलचंद भवानीमंडी रहते हैं। पत्नी का नाम फूलकुमारी है जो चार पुत्र एवं तीन पुत्रियों की मां है । द्वितीय पुत्र श्री राजकुमार बी. कॉम. है। पत्नी का नाम शिमला है। 47 वर्षीय है। तीन पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं। तृतीय श्री सोहनलाल 47 वर्षीय युवा हैं पत्नी का नाम इन्द्रा है। एक पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता हैं। सबसे छोटे पुत्र श्री प्रेमचंद भी बी. कॉम. है । पत्नी का नाम गुणमाला है। तीन पुत्रियों के पिता हैं ।
आपके पिताजी सेठ रामदेव रामनाथ नागोर के प्रख्यात व्यापारी थे। उन्होंने बौकानेर जैन धर्मशाला, बौसपंथी धर्मशाला, शिखरजी तथा जोधपुर के मंदिर में एक एक कमरे का निर्माण करवाया । मुनिसंघ चातुर्मास के समय रुचिपूर्वक कार्य करते हैं । बीस पंथी मंदिर के 300 वर्ष से अधिक समय तक मंत्री रहे। द्वारा रामदेव रामनाथ, नागौर ।
श्रीपूरणमल काला
कुचामन के श्री पूरणमल काला सामाजिक व्यक्ति है। आपका जन्म चैत्र सुदी 13 संवत् 1975 को हुआ। सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप व्यापारिक लाइन में चले गये। आपके पिताजी श्री कुन्दनलालजी एवं माताजी श्रीमती लाडी बाई का स्वर्गवास हो चुका है।
आपका 14 वर्ष की आयु में ही श्रीमती भूलीदेवी से विवाह हो गया जिनसे आपको दो पुत्रों सुरेश, नरेश के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। श्री सुरेश कुचामन में तथा नरेश गोहाटी में व्यवसायरत हैं।
काला जी ने अजमेरी मन्दिर में पार्श्वनाथ, सुपार्श्वनाथ एवं चन्द्रप्रभ को धातु की मूर्तियां विराजमान करने का उल्लेखनीय कार्य किया। आप विगत 4 वर्षों से अजमेरी मन्दिर के कोषाध्यक्ष हैं। आप शान्त स्वभावी एवं सेवाभावी व्यक्ति माने जाते हैं।
पता:- सुपारस भण्डार, कुचामन (नागौर)
श्री फूलचंद झांझरी
बाडवास से करीब 45 वर्ष पूर्व कुचामन आकर बसने वाले श्री फूलचंद झांझरी ने अपने जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखे। लेकिन अपने पुत्रों एवं स्वयं अपने परिश्रम एवं लगन से अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाई। वर्तमान में आपकी आयु 67 वर्ष की होगी । आपका विवाह 16 वर्ष की अवस्था में चूंकीदेवी के साथ संपन्न हुआ। ऑपके दो पुत्र एवं एक पुत्री हैं। पुत्री संतोष का विवाह मदनलाल जी काला के पुत्र कैलाशचंद काला के साथ संपन्न हुआ ।