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430/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
के कोषाध्यक्ष हैं एवं चातुर्मास के व्यवस्थापक हैं। प्रति दिन पूजा पाठ करते हैं। चतुर्थ पुत्र श्री हुलाशचंद 52 वर्ष के हैं। बी काम. है । पत्नी का नाम श्रीमती शर्बतीदेवी है । तीन पुत्रों की मां है । हैदराबाद में कार्य करते हैं। पांचवे पुत्र श्री सरोजकुमार वर्ष के हैं एवं मद्रास में व्यवसाय करते हैं। पत्नी का नाम पुष्पादेवी है । एक पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता हैं । विगत पांच वर्ष से एक समय भोजन करते हैं सबसे छोटे पुत्र कमलकुमार 40 वर्षीय युवा हैं । धान मंडल कटक में व्यवसाय करते हैं । पत्नी का नाम कौशल्या देवी हैं । 2 पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं।
आपकी दोनों पुत्रियाँ कान्ता देवी एवं कनकलता का विवाह हो चुका है ।
पता- जोरावरमल पदपकुमार, जानी मोहल्ला मा शिरीज, श्री त्रिलोकचंद जैन बड़जात्या
लाडनूं निवासी स्व.शिखरीलाल जी बड़जात्या के सुपुत्र श्री त्रिलोकचंद जैन का जन्म सन् 1933 में हुआ। आपने राज. विश्वविद्यालय से सन् 1952 में बी.ए.किया और फिर जूट के व्यापार में चले गये । सन् 1951 में आपका विवाह श्रीमतो स्तनदेवी से हुआ जिनसे आपको दो पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । दोनों बच्चे नरेन्द्र एवं अशोक का विवाह हो चुका है तथा वे आपके साथ ही कार्य करते हैं। दोनों पुत्रियों का विवाह भी संपत्र कर चुके हैं।
बड़जात्या जी सन 1985 में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में इन्द्र इन्द्राणी के पद से अलंकृत हुये। आपके माता-पिता द्वारा बगडा मंदिर लाडनूं में सप्तर्षि की धातु की मूर्ति विराजमार की तथा शांतिनाथ स्वामी की मूर्ति नागौर के मंदिर में प्रतिष्ठापित कराई गई। आप महावीर हायर सैकण्डरी विद्यालय के सन् 19549-63 तक व्यवस्थापक रहे । महावीर हीरोज के सेक्रेटरी एवं उपाध्यक्ष रहे । लाइन नागरिक परिषद कलकत्ता कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
आप जूट के कुशल व्यापारी हैं। डेला जूट मिल कलकत्ता में 1976-79 तक जूट के परचेजर तथा गोरीपुर जूट मिल में 1978-85 तक कार्य किया। वर्तमान में स्वयं का हो कार्य कर रहे हैं। सामाजिक कार्यों में बहुत रुचि लेते हैं।
मुनिभक्त हैं। आपकी धर्मपत्नी आचार्य विद्यासागर जी को परमभक्त हैं। पता:- 1- त्रिलोकचंद बड़जात्या, लाडनूं.
2. वैशाख स्ट्रीट,कलकता-7 श्री दीपचन्द गंगवाल
पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री दीपचन्द गंगवाल अपनी सामाजिक सेवा के लिये पूरे नागौर जिले में प्रसिद्ध हैं। आपका जन्म 17 अक्टूबर सन 1937 को कलकता में हुआ । आपके पिताजी स्व.लक्ष्मीचन्द थे । जिनका फरवरी 1981 में ?) वर्ष की आयु में देहान्त हो गया । अरकी माता धापुदेवो का अभी आशीवाद प्राप्त है। आपने बी.ए. किया और बिक्री कर सलाहकार बन गये । अप्रेल 11154 में आपका विवाह हुआ आपके हीन पुत्र एवं ।। युनियां | हैं |ज्येष्ठ पुत्र निर्मल कुमार बी.कॉम., एल.एल.बी., सी.ए.सी.एस. है। शेष दोनों पुत्र विनोद कुमार एवं मनोज कुमार पढ़ रहे हैं । श्री गंगवाल नागौर जिला अकाशवाणी संवाददाता हैं।
सेवा के
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