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राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /423 .
कराने का यशस्वी कार्य कर चुके हैं । आपने सपी तीर्थों की दो बार वंदना की है । वर्तमान में आपका पूरा जीवन पूजा पाठ एवं साधु सेवा में व्यतीत होता है।
पता : गुलाबचंद ज्ञानचंद छाबड़ा,राणोली (सीकर) (राज) श्री चतुर्भुज अजमेरा
वरिष्ठ समाजसेवी श्री चतुर्भुज जी अजमेरा का अपने विशाल व्यक्तित्व एवं कृतित्व के कारण नागौर प्रान्त में प्रमुख स्थान माना जाता है। आयु में भी 85 वर्ष पार कर चुके हैं। उनके पिताजी सुवालाल जी एवं माताजी श्रीमती गुलावदेवी का काफी वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो । गया था। 20 वर्ष की आयु में उनका विवाह श्रीमती धापूदेवी के साथ संपत्र हुआजिनसे उनको .. दो पुत्र सर्वश्री भंवरलाल,चिरंजीलाल एवं 5 पुत्रियां इलायची देवी,मैनादेवी,तारादेवी,पानादेवी B A एवं बीनादेवी के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
अजमेरा जी का स्पृहणीय जीवन है । आप एवं आपकी पत्नी दोनों ही सप्तम प्रतिमा - का पालन करते हैं । आप दोनों ने 40 से भी अधिक बार सम्मेदशिखर जी एवं उसके आस-पास के तीर्थों की वन्दना की है । उन्होंने संवत् 2506 में पांचवा में एक वृहद पंचकल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न करायी,मन्दिर में तीन प्रतिमाएं विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया। कांच का चैत्यालय बनवाकर उसमें प्रतिमाएं विराजमान की । सन् 1981 में आयोजित भगवान बाहुबली महामस्तकाभिषेक समारोह में अपने पूरे परिवार के साथ यात्रा संपन्न को । वैसे आप दक्षिण भारत की एवं गिरनारजी की चार बार यात्राएं कर चुके हैं । मुदिशा में के आवाक्त हैं। ना में नुनिविलम्स. रीगन्मतिसागर जी, अजितसागर जी एवं विरागसागर जी का चातुर्मास संपन्न कराया । जो एक रिकार्ड है।
___ आप दि.जैन अ.क्षेत्र लूणवां के संरक्षक हैं । आपने पांचवा में ही एलोपैथिक डिस्पैन्सरी के लिए भवन का निर्माण करवा कर उसे राज्य सरकार को संचालन के लिए दे दिया है। भाइयों का परिवार
आपके चार भाई और है। जिनमें गौरीलाल जी का जन्म संवत् 1983 में हुआ। 17 वर्ष की आयु में श्रीमती कमला देवी ' के साथ उनका विवाह हुआ । वर्तमान में दो पुत्रियां मूली बाई एवं मीरा बाई तथा 5 पुत्र सर्वश्री नरेन्द्रकुमार,नरेशकुमार,निर्मलकुमार, नवीनकुमार एवं नीलेश के पिता है । श्री गौरीलाल जी भी समाजसेवा में रुचि रखते हैं । दि.जैन औषधालय पांचवा के उपाध्यक्ष एवं अ.क्षेत्र लूणवां के महामंत्री रह चुके हैं। शिक्षक अभिभावक संघ पांचवा के अध्यक्ष हैं । अपने पिताजी सुवालाल जी की स्मृत्ति में उनके सभी पुत्रों ने जलाशय बनवाकर विगत 20 वर्षों से परे गांव के लिए निःशुल्क जल को व्यवस्था कर रखी है।
चतुर्भुज जी के दूसरे माई ग्यारसीलाल जी के तीन पुत्र संजय, विजय एवं अजय तथा चार पुत्रियां सरिता, अनिता,माया एवं पूंजी हैं। तीसरे भाई सोहनलाल जी के दो पुत्र पवन एवं राजकुमार तथा दो पुत्रियाँ इन्द्राणी एवं मन्त्री देवी है। सबसे छोटे भाई शान्तिलाल जी तीन पुत्रों अशोक, अनिल एवं राकेश के पिता हैं।