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380/ जैन समाज का वृहद इतिहास
शांतिसागर जी महाराज एवं चन्द्रसागर जी महाराज के संघ की खूब सेवा की थी । पहिले कर्मठ कांग्रेसी सदस्य थे लेकिन अब जनतापार्टी में हैं । सन् 1952 में किशनगढ से स्व. जयनारायण व्यास के विरुद्ध निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा ।
कट्टर मुनिभक्त हैं । आ. सूर्यसागर जी,आचार्य शांतिसागर जी (छांणी) आ. ज्ञानसागर जी,विद्यासागर जी की खूब सेवा की। आपके पिताजी खण्डेलवाल महासभा के सक्रिय सदस्य थे। आपने मंगलकलश प्रवर्तन, धर्मचक्र, ज्ञानज्योति आदि को खूब सहयोग दिया।
पता : स्वरूपचंद सर्राफ,मालपुरा (टौंक) श्री हरकचन्द संघी दोशी
संघीजी के उपनाम से प्रसिद्ध श्री हरकचन्द जी दिगम्बर जैन खण्डेलवाल है तथा दोशी आपका गोत्र है। आपका जन्म कार्तिक बदी 6 संवत 1994 को हआ। आपके माता-पिता दोनों का ही काफी समय पूर्व स्वर्गवास हो गया । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् 16 वर्ष की अवस्था में ही आपका विवाह सुश्री कमला देवी के साथ संपन्न हुआ। लेकिन दो पुत्र महेन्द्र कुमार एवं राजेन्द्र कुमार तथा चार पुत्रियों सुश्री मैना, सज्जन,त्रिशला एवं शकुन्तला को जन्म देने एवं विवाह सूत्र में बांधने के पश्चात् दिनांक 7 मार्च 19841 को आपका स्वर्गवास हो गया। श्री महेन्द्रकुमार खादी भंडार में कार्य करते हैं तथा राजेन्द्र कुमार सर्राफी का ही व्यवसाय करते ।
जी की दुर खान का हिना मात लाग्ने : मुभर हैं रमा पंजीकृत दि.जैन समाज सवाई माधोपुर के अध्यक्ष हैं । चमत्कारजी क्षेत्र पर भगवान शांतिनाथ की धातु की प्रतिमा विराजमान कर चुके हैं। अपने पूर्वजों के समान आप भी तीर्थयात्रा प्रेमी हैं । चमत्कार जी क्षेत्र के उपमंत्री हैं तथा जैन चन्द्रसागर ट्रस्ट के सदस्य हैं।
पता - माधोलाल हरकचन्द जैन सर्राफ, सवाई माधोपुर ।