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354/ जैन समाज का बृहद् इतिहास
सवाई माधोपुर, टौंक एवं अलवर जिले का जैन समाज
एवं यशस्वी समाजसेवी
इतिहास के प्रस्तुत उपखंड में सवाई माधोपुर, टौंक एवं अलवर प्रदेश के जैन समाज पर प्रकाश डाला जा रहा है । सवाई माधोपुर एवं टौंक जिला ढूंढाड प्रदेश में ही गिना जाता है तथा अलवर जिला यद्यपि मत्स्य प्रदेश का प्रमुख भाग है लेकिन सामाजिक संगठन, रीतिरिवाज, पूजा पद्धति, रहन-सहन, खानपान प्राय: वही है जो जयपुर नगर एवं जयपुर जिले की समाज का है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार सन् 1981 में इन तीनों जिलों में जैनों की संख्या निम्न प्रकार थी:
1- सवाई माधोपुर
15219
2. टौक
19041
3- अलवर
10321
यदि वर्तमान जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में और धर्म के कालम में जैन लिखाने की भावना से सन् 1991 में सवाई माधोपुर 18000, टौंक 23000 एवं अलवर 12000 की जनसंख्या होनी चाहिये । सवाई माधोपुर जिला:
सवाई माधोपुर जिले के प्रमुख नगरों में सवाई माधोपुर, हिण्डौन, गंगापुर, करौली, भगवतगढ़, चौथ का बरवाड़ा, बौंली, सिवाड़, खंडार आदि के नाम लिये जा सकते हैं । जिले की प्रमुख दि. जैन जातियों में खण्डेलवाल, अग्रवाल, पोरवाल, श्रीमाल, पल्लीवाल जातियाँ हैं । सभी गाँवों में दिगम्बर जैन मंदिर हैं। कहीं-कही धर्मशाला एवं जैन पाठशालायें भी है । सन् 1913 में प्रकाशित जैन यात्रा दर्पण में सवाई माधोपुर के संबंध में लिखा है कि यहां जैनियों के घर 158 मनुष्य संख्या 439 खंडेलवाल, पोरवाल, श्रीमाल आदि जातियों की हैं। 7 शिखरबन्द मंदिर हैं और एक चैत्यालय है । पंचायती बड़े मंदिर में पाठशाला भी है । वर्तमान में भी यहां इतने ही मंदिर है। एक मंन्दिर रणथम्भौर किला पर तथा एक मंदिर शेरपुर में है । सवाई-माधोपुर में खण्डेलवाल जैन समाज के 50 घर हैं।
शहर के पास ही में श्री दि. जैन अ. क्षेत्र चमत्कार जी आलमपुर में है । पहिले इस क्षेत्र की बहुत प्रसिद्धि थी लेकिन चमत्कार जी की मूल प्रतिमा के खंडित होने के पश्चात् यहां की लोकप्रियता कम हो गई । लेकिन फिर