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344/ जैन समाज का वृहद इतिहास
विवाह हुआ। एक पुत्र एवं एक पुत्री से सुशोभित हैं । वीरेन्द्र जैन बी कॉम. है । तथा मेडिकल की दुकान संभालते हैं । पुत्री मंजू का विवाह हो चुका है । ग्राम में इन्हें गरीबों के नांसह के नाम से जाना जाता है।
दोशी जी ने फागी के मंदिर में बेदी निर्माण करवाकर उसमें पद्मावती माता की मूर्ति विराजमान करने का मशस्वी कार्य किया। फागी के बड़े मंदिर के प्रमुख कार्यकर्ता हैं । दोशी जी से फागी कस्बे को एवं समाज को बहुत आशायें हैं।
पता - मु.पो. फागी (जयपुर) राज. श्री दुलीचन्द पाटोदी
पिता : श्री फूलचन्द जी पाटोदी 87 वर्ष की आयु में कार्तिक बुदी 3 सं. 24338 में स्वर्गवास ।
माता - श्रीमती भंवरी देवी - 57 वर्ष की आयु में स्वर्गवास जन्मतिथि - चैत्र बुदी 14 सं. 1983 - शिक्षा - सामान्य
व्यवसाय - सन् 195] से नमक के उत्पादक इसके पूर्व 25 वर्ष तक जयपुर में रामसुख चुन्नीलाल के पार्टनरशिप में गुलाबचन्द चौमूवालों के माझे में ताराचन्द एण्ड कम्पनी के नाम से कार्य किया।
विवाह - वैशाख सुदी पूर्णिमा सं. 2001 पत्नी का नाम श्रीमती शांतिदेवी पग्विार - पुत्र 2, 1- विनोदकुमार 2- कमलकुमार विशेष :- श्री पाटोदी जी ने अपना जीवन कलकत्ता एवं रांची में सर्विस से आरम्भ किया ।
दि.जैन अतिशय क्षेत्र लूणवा के सेक्रेटरी हैं। आपके मंत्रित्व काल में आचार्य धर्पसागर जी महाराज ने ससंघ चातुर्मास किया और आपने चातुर्मास की पूर्ण व्यवस्था को थी । छह मास तक हजारों लाखों यात्रियों ने धर्म लाभ लिया। चातुर्मास व्यवस्था को.देखने के लिये आप छह मास तक वहीं लूणवां में रहे । पाटोदी लगवा क्षेत्र के ट्रस्टी भी हैं।
2. सांभर दि.जैन समाज के 10 वर्ष से सेक्रेटरी हैं । रामलीला कमेटी के 8 वर्षों तक कोषाध्यक्ष रहे हैं । सांभर नगर पालिका के पार्षद रहे व अब भी हैं। श्री गोपाल गोशाला सांभर के उपाध्यक्ष हैं । नागरिक विकास समिति के सांस्कृतिक सचिव रहें हैं।
3. कट्टर मुनिभक्त । शुद्ध जल ग्रहण का नियम । सभी मुनिसंघों को आहार देते रहते हैं । धार्मिक स्वभाव एवं सामाजिक कार्यों में रुचि लेते हैं।
4- तीर्थों की वंदना करने में पूर्ण रुचि ।