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पूर्वाचल प्रदेश का जैन समाज /173
डॉ. लालचन्द पाटनी.
डॉ.पाटनी का जन्म राजस्थान के सीकर जिले में स्थित राणोली पाम में 6 जून,1950 के शुभ दिन हुआ। आपके पिताजी मोहनलाल जी (60 वर्ष) एवं माता श्रीमती गुलाबी देवी (56 वर्ष) राणोली में ही रहते हैं। आपकी शिक्षा राजस्थान में ही हुई। सन् 1975 में मेडिकल कालेज बीकानेर से एम.बी.बी.एस.परीक्षा पास करने के पश्चात् आपडीमापुर चले आये और यहां भगवान महावीर चेरीटेबल डिस्पेन्सरी में कार्य करने लगे । लगातार 10 वर्ष तक डिस्पेन्सरी में कार्य करने के पश्चात् आपने स्वयं का अस्पताल खोल लिया । वर्तमान में डीमापुर में आप अत्यधिक लोकप्रिय डॉक्टर माने जाते हैं।
आपका विवाह सन् 1974 में श्रीमती सन्तोषदेवी के साथ हुआ। वर्तमान में आपके एक पुत्र आशीष एवं तीन पुत्रियां गुडू, मुनमुन एवं शिल्पा है।
डॉ.पाटनी पूरे परिवार के साथ विदेश यात्रा कर चुके हैं । डीमापुर के दिगम्बर जैन मन्दिर में निर्माणाधीन जम्बूद्वीप में आप 12 वें तीर्थकर वासुपूज्य स्वामी की प्रतिमा विराजमान करेंगे । पाटनी जी सामाजिक सेवा में रुचि लेते हैं। आप पारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के वव फण्ड टस्ट के सदस्य एवं उसके आजीवन सदस्य हैं। राणोली में जैन भवन में एक
में एक कमरे का निर्माण करा चुके हैं । आप लाइन्स क्लब डीमापुर के मेडिकल चेयरमैन हैं तथा रोगियों का निःशुल्क चैकअप करते हैं ।
पता : जैन क्लीनिक, धोबी नला,डीमापुर (नागालैण्ड)
श्री लूणकरण पाण्ड्या
जन्मतिथि : आसोज सुदो । सं. 1988
पिताश्री श्री चांदमल जी पाण्ड्या । आपका स्वर्गवास 45 वर्ष पूर्व में हो गया था। उस समय आपकी आयु केवल 14 वर्ष की थी।
माताश्री : श्रीमती सोहनी देवी । आपका अभी सन् 1981 में स्वर्गवास हुआ।
शिक्षा : सामान्य
व्यवसाय : जीरोक्स फोटोकॉपी विवाह : आषाढ सुदी 9 सं. 2010 पत्नी का नाम : श्रीमती सुलोचना देवी । आपका सन् 1985 में स्वर्गवास हो गया। परिवार : तीन पुत्र - श्री सुकुमाल,रतनलाल एवं शैलेन्द्र पुत्री- ताराबाई एवं कविता