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260/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
विशेष :- गंगवाल जी प्रतिदिन जयपुर के महावीर स्वामी के मंदिर में पूजा प्रक्षाल करते हैं। आपका सामाजिक जीवन है । दि. जैन पार्श्वनाथ भवन जयपुर के सेक्रेटरी हैं। सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं को आर्थिक सहयोग करते रहते हैं। शुद्ध खानपान में रुचि रखते हैं। तीर्थ यात्रा प्रेमी हैं। मिलनसार एवं सरल स्वभावी हैं। आपके तीन छोटे भाई श्री माणकचन्द जी, पदमचन्द जी, नरेन्द्रकुमार जी गंगवाल किशनगढ मदनगंज में व्यवसायरत हैं। आपका मूल निवास अजमेर जिले का कडेल याम है।
पत्ता : 696, दरीबा पान, जयपुर
श्री नेमीचन्द छाबड़ा
जयपुर के शुक्रवार सहेली के प्रमुख संगीतज्ञ स्व. श्री दासूलाल जी छाबड़ा के सुपुत्र श्री नेमीचन्द छाबड़ा भी संगीत में रुचि रखते हैं तथा जवाहरात पिरोने का व्यवसाय करते हैं। भाद्रपद मास में सन् 1952 में आपका जन्म हुआ । सैकण्डरी पास करने के पश्चात् आपने अपना पैतृक व्यवसाय पकड़ लिया। सन् 1958 में आपका श्रीमती मंजू के साथ विवाह हुआ। आप दोनों को दो पुत्र विवेक एवं विशाल एवं एक पुत्री वर्षा के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ !
श्रीमती मंजू देवी धर्मपत्नी नेमीचन्द छाबड़ा
छाबड़ा जी प्रतिदिन अभिषेक एवं पूजा करते हैं। द जैन मंदिर बड़ा दीवान जी की कार्यकारिणी समिति के सदस्य हैं।
पता : 78, दीनानाथ जी की गली, चांदपोल बाजार, जयपुर।
श्री नेमीचन्द पाटनी
आगरा निवासी श्री नेमीचन्द पाटनी टोडरमल स्मारक ट्रस्ट जयपुर के 300 वर्ष से महामंत्री हैं। आप सेठ पंडित कहलाते हैं। सोनगढ विचारधारा के कट्टर समर्थक हैं। आप लेखक, व्याख्याता एवं प्रशासक सभी हैं। संवत् 19700 अषाढ शुक्ला 14 को आपका जन्म हुआ | हाई स्कूल तक की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप व्यवसाय करने लगे। लेकिन कानजी स्वामी के संपर्क में आने के पश्चात् आप उन्हीं के साहित्य के प्रकाशन एवं प्रचार प्रसार में लग गये । आपके पिताजी श्री मगनमल जी पाटनी एवं माताजी श्रीमती कलावती बाईजी दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है। आपके दो पुत्र श्री सुरेन्द्र कुमार एवं नगेन्द्रकुमार है तथा पांच पौत्र हैं। आपके ज्येष्ठ पुत्र श्री सुरेन्द्र कुमार का निधन हो गया है।
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पता : टोडरमल स्मारक भवन, ए-4 बापू नगर, जयपुर ।