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जयपुर नगर का जैन समाज /303
श्री रतनलाल छाबड़ा
राजस्थान जैन सभा जयपुर के पूर्व मंत्री श्री रतनलाल छाबड़ा जयपुर के लोकप्रिय समाजसेवी हैं। समाज की विभिन्न गतिविधियों में आपका पूर्ण योगदान रहता है । सभाओं समारोहों का संचालन करने में आपको कुशल माना जाता है।
आपकी जन्म तिथि 25 सितम्बर 1725 है। आपके पिताजी श्री चिरंजीलाल जी एवं 7 माताजी श्रीमती भंवरदेवी का स्वर्गवास हो चुका है। आपके परिवार में दो भाई एवं तीन छोटी बहिनें है,सभी विवाहित हैं। भाइयों में एक भाई राजकीय लेखा सेवा से सेवा निवृत्त हो चुके । हैं दूसरे अभी सेवारत हैं।
आपके दो पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं। तीनों पुत्रिया एवं एक पुत्र का विवाह हो चुका है । एक पुत्र निजी व्यवसाय में एवं दूसरा बैंक सर्विस में है।
छाबडा जी राजकीय सेवा से निवृत्त हो चुके हैं तथा वर्तमान में समाज सेवा में अपने आपको समर्पित किया हुआ है।
पता - 2636, षी बालों का रास्ता,जौहरी बाजार- जयपुर । श्री रतनलाल जैन नृपत्या
युवा समाज सेवियों में श्री रतनलाल नृपत्या का विशिष्ट स्थान है । आपका जन्म अलवर में दिनांक 22.7.37 का है,सन् 1954 में हाई स्कूल उत्तीर्ण के पश्चात् तत्काल राजकीय सेवा में आ गये। जयपुर में प्रथम बार आचार्य श्री 108 देशभूषण जी महाराज के पदार्पण के समय से ही उनकी प्रेरणाः आशीर्वाद से आप धर्म प्रभावना एवं समाज सेवा में लग गये । राजकीय सेवा के साथ-साथ अध्ययनरत रहकर आपने शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की,जिसमें हिन्दी साहित्य में साहित्य रल, आदि विशिष्ठ उपलब्धि ली । मास्टर गोपीचन्द जी का सानिध्य पाकर संगीत वाद्य यंत्र में भी अध्ययनरत रहे ।
बापू नगर समाज संभाग के संगठन की सृजन अवस्था से सक्रिय रहते हुए,जैन मंदिर के विभिन्न पदों पर,महावीर हायर सैकण्डरी स्कूल में विशिष्ठ सदस्य, अखिल भारतीय तीर्थ क्षेत्र कमेटी व राजस्थान महासमिति,पार्श्वनाथ जैन मेडिकल रिलीफ सोसायटी के आजीवन सदस्य, आरोग्य भारती में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं । दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा के मानद मंत्री वर्ष 88 में बनने के पश्चात् आपने कर्मठता के साथ एवं समर्पित भाव से क्षेत्र की सेवा करते हुए विकास की ओर अग्रसर किया है।
आपका विवाह श्रीमती गुणमाला देवी (जोधपुर निवासी) के साथ वर्ष 1963 में सम्पन्न हुआ । एक पुत्री नीलू तथा दो पुत्र राजेश व राकेश के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है । नृपत्या जी के बड़े भाई श्री महावीर प्रसाद जो हैं जिनका विस्तृत परिचय पथक से दिया गया है । नपत्या परिवार ने विभिन्न मंदिरों के जीणोद्धार विशेषकर आमेर के बाहरली नसियां परानी डीग. जैन मंदिरों में व नये निर्माण कार्यों में श्रवणबेलगोला,मंसूरी के जैन भवन, अलवर की धर्मशाला,बापू नगर जैन मंदिर आदि में कमरे व जलकूप बनवाये हैं । वर्तमान में आप उपनिदेशक खादी यामोद्योग (जिला उद्योग केन्द्र, उद्योग भवन) जयपुर के पद पर कार्यरत हैं।
पता - डी -73, सिवाड एरिया, मंगल मार्ग,बापूनगर, जयपुर दूरभाष : 6658]