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306 / जैन समाज का वृहद् इतिहास
सुरेश चन्द 4() वर्ष पत्नी सुमनदेवी, पुत्र - 2
रमेश चन्द 300 वर्ष पत्नी जी सी.ए. पुत्र
पुत्री 1
पुत्रियां-9, कमला बाई, कान्ता बाई शान्ता बाई, पुष्पा बाई, पदम बाई, शकुन्तला, हेमलता, रेखा बाई, मीना बाई, सभी का विवाह हो चुका है।
विशेष :- धार्मिक
1. मंदिर निर्माणार्थ विशेष आर्थिक सहयोग देते रहते हैं।
2. बस्सी सीतारामपुरा जयपुर के मंदिर में आदिनाथ स्वामी की प्रतिमा विराजमान की है।
3- सभी तीर्थों की वंदना करने का सौभाग्य प्राप्त कर लिया है।
सामाजिक
1- दि. जैन बड़ा तेरहपंथी मंदिर में प्रमुख कार्यकर्ता
2- दि. जैन संस्कृत आचार्य महाविद्यालय, दि. जैन महावीर हायर सैकण्डरी स्कूल, दि. जैन औषधालय आदि के आजीवन
सदस्य |
3- भजनों के प्रेमी, शान्त स्वभाव, उदार हृदय, मुनियों के परम भक्त
विशेष :- जयपुर से 12 मील दूरी पर टौंक रोड वाटिका मोड के पास स्थित आपकी फैक्ट्री सौगानी उद्योग के नाम से प्रसिद्ध हैं । वहां आचार्य श्री विमलसागर जी महाराज का संघ पदमपुरा से जयपुर आया तब ठहरा था तथा आचार्यकल्प श्रुतसागर महाराज का संघ भी सांगानेर से पदमपुरा जाते वक्त ठहरा था।
फर्म : 1- लखमीचंद राजमल 2- राजमल सुरेशचंद 3- सौगानी उद्योग
पता :- सौगानी भवन, हल्दियों का रास्ता, जौहरी बाजार, जयपुर
श्री राजमल सोनी
सोनी परिवार में दिनांक 200-1-24 को जन्मे श्री राजमल सोनी बी.कॉम. पास करके सन् 1946 में जयपुर राज्य सेवा में चले गये और 1951 में एल.एल.बी. परीक्षा पास की। सन् 1979 में लेखाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। आप श्री फूलचन्द जी सोनी के सात पुत्रों में चौथे पुत्र रहे। श्री फूलचन्द जी के बड़े भाई श्री हजारीलाल जी सोनी का सन् 1937 में स्वर्गवास होने पर उनकी धर्मपत्नी महताब देवी के ये गोद चले गये। श्री हजारीलाल जी जयपुर राज्य के कितने ही वर्षों तक नाजिम रहे। उनके समय में उनका राज्य व समाज में अच्छा प्रभाव था। आपकी माता का सन् 1949 में स्वर्गवास हुआ। सन् 1941 में आपका विवाह
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