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श्री सुमेरकुमार पांड्या
कुचामन (मारवाड़) में दि. 20 जून सन् 1936 को जन्मे श्री सुमेरकुमार ने सन् 1959 में राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.ए. किया और अपने पैतृक व्यवसाय ट्रांसपोर्ट में कार्य करने लगे। इसके पूर्व आपका सन् 1951 में ही श्रीमती देवी से विवाह हो गया। आपके पिता श्री हरकचन्द जी पांड्या अत्यधिक धार्मिक, मुनिभक्त एवं आर्ष मागी हैं। आप में भी वे ही संस्कार उतरे हैं। आपके बड़े पिताजी चन्दन मल जी क्षुल्लक उदयसागर जी बन गये थे और अन्त में
अवस्था में समाधिमरण प्राप्त किया । इसी तरह आपकी बड़ी माताजी आर्यिका विमलमती माताजी कहलाई । वे आचार्य धर्मसागर जी के संघ में रहती थी। श्री सुमेरकुमार जी को दो पुत्र एवं तीन पुत्रियों का पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। दोनों पुत्र सुभाषचन्द एवं उजासचन्द आपके ही साथ कार्य करते हैं । तीनों पुत्रियों सरोज, संतोष एवं रेणु का विवाह हो चुका है।
जयपुर नगर का जैन समाज /319
श्री पांड्या जी पूर्णतः धार्मिक एवं सामती करते हैं: रोटी
के
सन् 1979-800
में अध्यक्ष रह चुके हैं। राजस्थान जैन सभा के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। आल राजस्थान ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के सेक्रेटरी, जयपुर ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन के वर्षों तक सेक्रेट्री, जयपुर चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इन्डस्ट्री के सेक्रेटरी, फेडरल आफ राजस्थान ट्रेड एण्ड इन्डस्ट्री के सेक्रेटरी रह चुके हैं।
पांड्या जी जयपुर की और भी सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुये हैं। पदमपुरा तीर्थ क्षेत्र कमेटी को कार्यकारिणी के सदस्य हैं। मुनिभक्त हैं। सबको सहयोग देने वाले हैं।
पता : संतोष रोडवेज, मोती डूंगरी रोड, जयपुर - 4
श्री सुमेरचन्द सोनी
श्री सुमेरचन्द सोनी का सोनी परिवार में दि. 20 अक्टूबर सन् 1934 को जन्म हुआ । आपके पिताजी स्व. श्री फूलचन्द जी सोनी प्रतिष्ठित समाजसेवी थे। आपका निधन 8 दिस 1976 को हुआ। श्री सुमेर जी ने सन् 1957 में राजस्थान विश्वविद्यालय से एम.ए. किया और व्यवसाय में लग गये ।
आपकी धर्मपत्नी श्रीमती विमला देवी धार्मिक स्वभाव की महिला हैं। आप दोनों तीन पुत्रों से गौरवान्वित हैं । प्रथम पुत्र सुधीर सोनी बी.कॉम. है तथा जवाहरात के कार्य में संलग्न है। सुधांशु एवं सुदीप दोनों ही अध्ययन कर रहे हैं।
सोनी जी शान्त जीवनयापन करते हैं। सामाजिक कार्य करने में रुचि रखते हैं। चूलगिरी क्षेत्र के सन् 1982 से मंत्री हैं । आपने चलगिरी का पर्याप्त विकास किया है। क्षेत्र के चारों ओर बाउन्ड्री वाल का निर्माण हो चुका है। सौढ़िया बन चुकी हैं। और उस पर 27 पोल लगाकर लाइटें लगा दी गई हैं। पश्चिम दिशा में विशाल चौक का निर्माण हो चुका है।