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जयपुर नगर का जैन समाज /317
श्री चिरंजीलाल जी सेठो आपके छोटे भाई हैं जिनका जन्म 1934 में हुआ था । धर्मपत्नी का नाम नारंगीदेवी है। आपके पांच पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं । महेशकुमार ट्रक का व्यवसाय करते हैं । सुरेश एवं निर्मल की आइल मितभालते हैं।
श्री विरधीचन्द जी मुनिभक्त हैं । अब तक कितने ही आचार्यों को आहार दे चुके हैं। पता: सी-14, अनाज मंडी चांदपोल दाजार ,जयपुर
श्रो चिरंजीलाल सेठी
डॉ. समन्तभद्र पापड़ीवाल
जयपुर के प्रसिद्ध हकीम श्री मोहनलाल जी पापड़ीवाल के सुपुत्र श्री समन्तभद्र जी पापड़ीवाल का राजकीय चिकित्सा सेवा में उच्च स्थान है । स्व.हकीम मोहनलाल जी का लेखक को भी आशीर्वाद प्राप्त था । आपने समाज में कितने ही विद्यार्थियों को चिकित्सा क्षेत्र में जाने को प्रेरणा दी । जैन संस्कृत कॉलेज में आयुर्वेद अध्ययन प्रारम्भ करवाने में विशेष योग था।
डॉ.पापड़ीवाल का जन्म 20 नवम्बर 36 को हुआ । सन् 1961 मे आपने एमबीबी एस. किया और सन् 71 में आरथोपैडिक्स में एम.एस.किया । आर्थोपैडिक्स में वरिष्ठ विशेषज्ञ पद पर कार्य कर रहे हैं एवं पोलियो चिकित्सा में विशेष रुचि हैं । आपका विवाह सन् 1958 में श्रीमती विमलादेवी से हुआ । आपके तीन पुत्र हैं। तीनों ही पुत्र मणिभद्र,श्रीभद्र एवं सुप्रद्र आयुवैदिक औषधि निर्माण के कार्य में संलग्न हैं । आपकी पली विमला देवी सामाजिक कार्यों में रुचि लेती है। मणिभद्र महावीर शिक्षा परिषद के सदस्य हैं तथा सुभद्र संगीत में विशेष रुचि लेते हैं।
पता- श्री सदन, हल्दियों का रास्ता,जयपुर।
श्री सरदारमल पाटनी
दिल्ली वाले स्व. श्री गैंदीलाल जी पाटनी के सुपुत्र श्री सरदारमल जी पाटनी उदार हृदय एवं दानशील स्वभाव के हैं। आपका जन्म 25 अगस्त,सन् 1925 को हुआ। आगरा विश्वविद्यालय से सन् 1944 में बी.कॉम. किया तथा फिर व्यवसाय में प्रवेश किया जिसमें आपने आशातीत सफलता प्राप्त की । सन 1942 में श्रीमती सरदार बाई के साथ आपका विवाह हुआ। आप दोनों को 2 पुत्र निर्मलकुमार व ललित कुमार एवं तीन पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है।
वेश किया जिसमें आप HAS को हुआ। आगरा विश्वविद्यालपाटनी उदार हृदय एवं दानशील