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जयपुर नगर का जैन समाज /269
श्री सौगानी जी ने सन् 38 में मैट्रिक किया और अपनी पिताजी को आज्ञानुसार व्यावसायिक क्षेत्र में प्रवेश किया। आपको इंजीनियरिंग लाइन अधिक पसन्द थी इसलिये 1941 में ही रेफ्रीजिरेटर बिक्री का कार्य प्रारंभ कर दिया। इसके पश्चात् धीरे धीरे अपने व्यवसाय में उन्नति करते गये और सन् 1948 में यूनिवर्सल सप्लाई कारपोरेशन की स्थापना की और कुछ ही वर्षों में आपने अपने व्यवसाय में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की । राजस्थान के सभी प्रमुख नगरों में इस कारपोरेशन की शाखायें
एस्कोर्ट ट्रेक्टर्स के अच्छे विक्रेता हान के कारण 1973 मे एस्कोड लिमिटेड ने आप दोनों पारा-पली को लंदन,पेरिस, रोप एवं धारसा की यात्रा कराई । इसी कम्पनी द्वारा 1984 में फिर आप दोनों को जापान, हांगकांग, बैकाक एवं सिंगापुर का भ्रमण कराया तथा 1984 में मैसर्स लारसन एंड टुब्रो लि. तथा एटलस कोपीको लि. ने हनोवर वेस्ट जर्मनी में आयोजित मेले की तथा अमेरिका की यात्रा करवाई । इस दृष्टि से आप बहुत भाग्यशाली सिद्ध हुये ।
श्री सौगानी जो राज.इलेक्ट्रिक्स मशीनरी एसोसियेशन के अध्यक्ष रहे तथा सन्मति पुस्तकालय की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। सन् 1994 में आपने निशुल्क शिक्षा के लिये एक एलफा बीटा स्कूल की भी स्थापना की थी। श्री दिगम्बर जैन संस्कृत आचार्य महाविद्यालय में अपने पिता की स्मृति में एक विशाल हाल का भी निर्माण करवाया है।
आपकी पत्नी श्रीमती विमला देवी धार्मिक स्वभाव को महिला हैं । वे इंदौर के जौहरी श्री मानकचंद अजमेरा की पुत्री हैं। श्रीमती विमलाजी बड़ी भाग्यशाली महिला हैं । सौगानी
जी को एक पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता होने का गर्व है । सभी पुत्रियां इंदिरा अरुणा.कामिनी श्रीपती विमला देवी धर्मपली एवं मनीषा का विवाह हो चुका है । आपका बुत्र अरुण सोगानी भी विवाहित है। बीकॉम है। श्री प्रकाश चन्द सौगानी हार्वर्ड विश्वविद्यालय से एम.बी.ए. किया है । आपने 1981 में कम्प्यूटर डिवीजन अलग खोला
है जिसमें आपको पर्याप्त सफलता मिली है । आप एक पुत्र एवं एक पुत्री से मुशभित हैं। पता : सी - 410, लाजपत मार्ग,सी स्कीम,जयपुर । वैद्य प्रभुदयाल कासलीवाल
___ जयपुर नगर में जैन आयुर्वेदिक चिकित्सकों में वैद्य प्रभुदयाल कासलीवाल का नाम प्रथम स्थान पर आता है । उनका जन्म आसोज सुदी पूर्णिमा संवत् 117799 को हुआ। अपने गांव सैंथल से जयपुर आकर कासलीवाल जी ने जैन दर्शन, उपाध्याय एवं भिषणाचार्य की परीक्षा पास की तथा
राजकीय सेवा में चले गये। इसके पर्व आपने दि. जैन । औषधालय में प्रमुख चिकित्सक के पद पर कार्य किया ।
सन् 1944 में आपका विवाह दीवान शिवजीलाल जी के वंशज दीवान जयकुमार जी श्रीमती सरस्वती देवी धर्मपली की पुत्री सरस्वती देवी से हुआ। आपको पांच पुत्र एवं तीन पुत्रियों के माता पिता बनने का वैन प्रभुदयाल कासलीवाल सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपके पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र कमलेश कुमार एम बी ली.एस., एम.एस. वरिष्ट
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