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जयपुर नगर का जैन समाज/293
बगड़ा जी स्वभाव से मिलनसार एवं स्पष्टवादी हैं । अपने व्यवहार से सबको प्रसन्न रखते हैं । श्री महावीर जी में 17-18 वर्षों से लगातार कार्य करते रहने का एक मात्र कारण आपकी व्यवहार कुशलता है । आप दो पुत्रियों एवं चार पुत्रों के पिता हैं। छोटी पुत्री शोभा का विवाह श्री दिनेश कुमार जैन पापडीवाल जयपुर के साथ हुआ है । श्री दिनेश पुलिस विभाग में अधिकारी है। बड़ी पुत्री ललिता का विवाह जयपुर के डा.जी.सी.जैन के साथ हुआ है। आपके चार पुत्रों में ज्येष्ठ पुत्र श्री भागचन्द एवं कनिष्ठ पुत्र श्री सुदीप कुमार व्यवसाय करते हैं तथा शेष दो पुत्र किरण कुमार एवं राकेश राज्य सेवा में इंजीनियर है । सभी पुत्रों का विवाह हो चुका है।
पस, - श्रीमहावीरजी रावस्था श्री महेन्द्रकुमार सेठी
जयपुर नगर के प्रतिष्ठित सेठी परिवार में 17 अक्टूबर 1915 को जन्मे श्री महेन्द्र कुमार सेठी का जैन समाज में सम्माननीय स्थान है। आपके पिताजी श्री मीठालाल जी भी प्रतिष्ठित व्यक्ति थे जिनका 14 वर्ष पहिले 38 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हुआ था । आपकी माताजी लहला बाई का भी निधन हो चुका है।
सेठी जी का विवाह 55 वर्ष पूर्व श्रीमती चमेली देवी के साथ हुआ । आपको एक पुत्र एवं पांच पुत्रियों के पिता बनने का गौरव प्राप्त है। प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी श्री अर्जुनलाल जी सेठी ने आपको बचपन में खूब खिलाया था। आपके एक मात्र पुत्र राजकुमार सेठी रत्नों के कुशल व्यवसायी हैं तथा विदेशों में व्यवसाय के लिये जाते रहते हैं। उनकी पत्नी श्रीमती लक्ष्मीदेवी बी.ए. तक पढ़ी हुई हैं। आप एक पुत्र आनन्द एवं दो पुत्रियों काजल एवं पूनम से अलंकृत हैं।
श्री महेन्द्रकुमार जी के पांच पुत्रियां हैं जिनके नाम सुधा,विजयलक्ष्मी सौगानी,आशा श्री राजकुमार सेटी सुपुत्र श्री महेन्द्र कमार सेठी काला,सरोज बांकीवाला एवं ऊषा लुहाडिया है । विजयलक्ष्मी एवं सरोज बी.ए. हैं ।
सेठी बी अध्यात्म प्रेमी हैं। श्री कानजी स्वामी से आप खूब प्रभावित रहे हैं । विद्वानों के शिविर लगाने में आपकी गहन रुचि रहती है । टोडरमल स्मारक भवन निर्माण में गोदीका जी को आपका पूरा सहयोग रहा। दोनों ही बचपन के साथी रहे हैं। मुमुक्षु मंडलों की स्थापना में भी आपका पूरा सहयोग रहा है। अशोक नगर जैन समाज के उपाध्यक्ष,दिगम्बर जैन मुमुक्षु मंडल के अध्यक्ष,टोडरमल स्मारक भवन के ट्रस्टी हैं । सोनगढ़ में आएका बनाया हुआ एक बंगला है । जयपुर में अभी आपने त्रिपोलिया बाजार में सेठी कॉम्पलैक्स का निर्माण कराया है।
आपके तीन भाई और हैं जिनके नाम प्रसन्नकुमार,निर्मलकुमार,एवं सुबोधकुमार हैं। तीनों भाई बंबई में जवाहरात का व्यवसाय करते हैं। सभी भाइयों में अत्यधिक स्नेह है। सभी भाई आपको पिता तुल्य मानते हैं भाइयों में यदि प्रेम देखना हो तो सेठी जी के घर में देखा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है ।