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जयपुर नगर का जैन समाज /283
सामाजिक : सामाजिक कार्य करने में रुचि रखते हैं । दि. जैन महासमिति के सदस्य हैं।
पता - मकान नं. 435, फैन्सी हाउस, हल्दियों का रास्ता,जयपुर श्री भंवरलाल जैन छाबड़ा
श्री भंवरलाल जी छाबड़ा मेंहदीवाले के नाम से जाने जाते हैं। आपके पिताश्री मुंशी गोविन्दलाल जी छाबड़ा अपने जमाने के प्रसिद्ध वकील थे। मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप पब्लिक टाइपिस्ट का कार्य करने लगे। सन् 1947 में आपका विवाह श्रीमती यशोदा देवी जी के साथ हुआ लेकिन सन् 1979 में यशोदा देवी का स्वर्गवास हो गया । आप को दो पुत्र तेजकुमार एवं हरिश्चन्द तथा एक पुत्री संतोष देवी के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। तेजकुमार की पत्नी का नाम श्रीमती किरण देवी तथा हरिश्चन्द की पत्नी का नाम मंजू है। संतोषदेवी का विवाह श्री निर्मलकुमार कासलीवाल से हुआ है ।
श्री छाबड़ा जी शांतिप्रिय जीवन बिताने वाले हैं।
पता-39, गंगवाल पार्क, मोती डूंगरी रोड़,जयपुर। श्री भंवरलाल वैद
अपने मधुर व्यवहार एवं सरल स्वभाव के लिये प्रसिद्ध श्री भंवरलाल वैद का जन्म अगस्त, 1912 को हुआ। बी.ए. तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप राज्य सेवा में चले गये
और सन् 1967 में सहायक सचिव राज.सरकार के पद से सेवा निवृत्त हुये । आपका सन् 1925 में श्रीमती बादाम बाई के साथ विवाह हुआ जिनका सन् 1980 में 65 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया । आपके चार पुत्र एवं एक पुत्री है । सबसे बड़े पुत्र ताराचन्द बैंक सर्विस में हैं। दूसरे पुत्र गणपतलाल राजस्थान राज्य के इन्दिरा गांधी नहर बोर्ड में हैं । तीसरे पुत्र राजेन्द्र कुमार भी बैंक सर्विस में हैं। चतुर्थ पुत्र श्री सत्येन्द्र कुमार भी राज्य सेवा में हैं। सभी पुत्र ग्रेज्यूएट हैं। श्री ताराचन्द पद यात्रा संघ जयपुर के संयोजक है तथा प्रतिवर्ष श्री महावीर जी व पदमप्रभु बाड़ा,पद यात्रा संघ ले जाते हैं तथा लोकप्रिय युवा समाजसेवी हैं।
श्री मंदरलाल जी जयपुर के पंचायतो मंदिर दि.जैन पाटोदी मंदिर के अध्यक्ष रह चुके हैं। आपका जीवन पूर्णतः धार्मिक जीवन है । पाटोदी के मन्दिर के उत्तरवर्ती चैत्यालय की वेदी में कांच आदि लगवाने का पुण्यकारी कार्य किया है । लेखक को भी आपसे एक वर्ष तक पढ़ने का सौभाग्य मिल चुका है ।
आपके पिताजी श्री छिगनलाल जी आपको 20 वर्ष का ही छोड़कर स्वर्ग सिधार गये तथा माताजी श्रीमती कस्तुरी बाई भी सन् 1980 में स्वर्गवासी बन गई । दैद जो वर्तमान में शांत एवं स्वाध्यायरत जीवन व्यतीत कर रहे हैं।