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जयपुर नगर का जैन समाज/261
श्री नेमीचन्द जैन भौंसा
लेखक एवं कवि पं.अनूपचन्द जी न्यायतीर्थ के सुपुत्र श्री नेमीचन्द होनहार युवक है | 1 अगस्त, 1951 के दिन जन्मे श्री जैन ने सन् 170 में बी.एस.सी. की परीक्षा पास करके चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट की परीक्षा में सफल हुये । सन् 1979 में आपका विवाह श्रीमती रेणु जैन से हुआ। श्रीमती रेणु जैन भी बी.एस.सी. हैं तथा न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र मोहन जी कासलीवाल जस्टिस उच्चतम न्यायालय की सुपुत्री हैं। श्री जैन चार्टर्ड अकाउन्टेसी में मेरिट होल्डर रहे हैं। वर्तमान में एनसी जैन एण्ड एसोसियेट्स नाम से आडिट का कार्य करते हैं । जैन सरल स्वभावी,विनयी एवं सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले युवक हैं। आप 2 पुत्र एवं एक पुत्री से सुशोभित हैं।
पता : 769 गोदीकों का रास्ता, किशनपोल बाजार,जयपुर । श्री पदमचन्द तोतूका
जयपुर जैन समाज में श्री पदमचन्द जी तोतूका का विशिष्ट स्थान है । आपके पिताजी श्री हरिश्चन्द्र तोतूका भी समाज में जाने पहिचाने समाज सेवी थे । टैक्सटाइल कमिश्नर,सेन्शस कमिश्नर जैसे पदों पर रहे थे । उच्चाधिकारी थे । 83 वर्ष की आयु में 1977 में आपकी मृत्यु बडी शांतिपूर्वक हुई । पदमचन्द जी को माता का विशेष प्यार नहीं मिला | श्री हरिश्चन्द्र जी प्रतिदिन 4 मंदिरों के दर्शन करते थे। इनकी माताजी इन्हें 11 वर्ष का छोड़कर स्वर्ग सिधार गई थी।
तोतूका जी का जन्म 28 जून 1928 को हुआ। 15 वर्ष की आयु में पैट्रिक पास किया और 16 वर्ष की आयु में पहिले जयपुर और फिर बेबंई में जवाहरात का व्यवसाय करने लगे। अपनी सूझबूझ लगन एवं निष्ठा पूर्ण कार्य करने के कारण व्यवसाय में आशातीत सफलता मिलती गई और कुछ ही वर्षों में जौहरियों में अपना प्रमुख स्थान बना लिया। आपका विवाह 12 दिसम्बर 1945 को अजमेर के श्री छीतरमल जी जैन की सपत्री
दोनों को दो पुत्र एवं दो पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपका ज्येष्ठ पुत्र श्री अनिल तोतूका का जन्म 15 अक्टूबर 50 को हुआ । बी.ए. तक शिक्षा प्राप्त की तथा मुरादाबाद के मोतीलाल जैन एडवोकेट को पुत्री नीरू से आपका विवाह हुआ। श्रीमती नीरू स्वयं भी बी.ए. है तथा दो पुत्र एवं एक पुत्री की मां है । सात नवम्बर 52 को जन्मे इनके पुत्र सुनील तोतूका का विवाह सरसेठ भागचन्द जी सोनी की पौत्री एवं निर्मलकुमार सोनी की पुत्री जयश्री से हुआ । जयश्री भी बी.ए. है तथा तीन पुत्रियों की जननी है।
श्री तोतूका जी का सामाजिक योगदान भी उल्लेखनीय है । भट्टारक जी की नशियां में
अपने पिताजी की स्मृति में तोतूका भवन बनाकर उसमें विशाल हाल का निर्माण करवाया । श्री अनिल तोतुका सुपुत्र
महावीर क्षेत्र के मंदिर में सन् 75 में संगमरमर की सीदियां बनाई। पहावीर हायर सैकेण्डरी श्री पदमचन्द तोतुका
विद्यालय में साइन्स लेबोरेटरी तथा सवाई मानसिंह अस्पताल में ज्वैलर्स एसोसियेशन की ओर से जो कपरे बने हैं उनके निर्माण में आर्थिक सहयोग दिया । दि.जैन आचार्य संस्कृत कालेज के