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196/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
गया है । जातियों की दृष्टि से यहां खण्डेलवाल जैन समाज के सत्वसे अधिक परिवार हैं । इस समाज के इतने अधिक परिवार देश के किसी भाग में नहीं मिलते हैं। मन्दिर एवं चैत्यालय
जैन मंदिरों की दृष्टि से भी जयपुर का प्रथम स्थान है । दि.जैन मंदिर महासंघ की ओर से प्रकाशित स्मारिका में जैन मंदिरों की संख्या दी हुई है । देश के किसी भी नगर में इतनी अधिक संख्या में मंदिरों के दर्शन नहीं होते । यहां के सभी मंदिर विशाल एवं कलापूर्ण हैं । विगत 40 वर्षों में निर्मित मंदिरों के बापू नगर, शास्त्री नगर, सेठी कालोनी, जवाहर नगर, आदर्श नगर, तिलक नगर, जनता कालोनी, मालवीय नगर, मधुवन कालोनी, बरकतनगर, कीर्तिनगर, ज्योतिनगर, महावीर नगर, आदि के नाम विशेषत: उल्लेखनीय हैं। इन वर्षों में चूलगिरी तीर्थ की स्थापना हुई एवं वहां मंदिर निर्माण का महत्वपूर्ण कार्य हुआ है ।
कविवर स्वरूप चन्द ने संवत् 1891 में मन्दिरों की वंदना तश्या संवत् 1940 में चैत्यालयों की वंदना की थी तो उस समय उसने जयपुर की परिधि में आने वाले मंदिरों की संख्या 84 एवं इतने ही चैत्यालय अर्थात् दोनों की संख्या 168 बतलाई थी एवं उनका नामोल्लेख किया था । लेकिन अभी श्री दिगम्बर जैन मंदिर महासंघ द्वारा प्रकाशित स्मारिका में 116 मंदिरों का परिचय दिया है अर्थात् विगत 156 वर्षों में 32 नये जैन मंदिरों का निर्माण हुआ है। सबसे अधिक मंदिर विगत 20 वर्षों में नये-नये उपनगरों में बने हैं। मंदिर चैत्यालयों की संख्या की दृष्टि से सारे देश में जयपुर नगर का स्थान सर्वोपरि है । शास्त्र भंडार (ग्रंथसंग्रहालय)
जयपुर की एक विशेषता यहां के शास्त्र भंडार हैं। यहां के सभी बड़े-बड़े मंदिरों में हस्तलिखित ग्रंथों का अच्छा संग्रहालय है । जिनमें जैनाचार्यों द्वारा प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश एवं हिन्दी भाषा में निबद्ध ग्रंथों की प्राचीनतम पाण्डुलिपियां संग्रहित हैं । इन शास्त्र भंडारों का डा. कासलीवाल एवं पं. अनूपचन्द न्यायतीर्थ द्वारा सूचीकरण हो चुका है। इन सूचियों के पान भाग श्रीमहावीर क्षेत्र के साहित्य शोध विभाग की ओर से प्रकाशित भी हो चुके हैं। प्राचीन ग्रंथों का इतना बड़ा संग्रह अन्यत्र मिलना कठिन है। पांच भागों के प्रकाशन के पश्चात् प्रतापगढ़, कुचामन, डिग्गी एवं जयपुर के बधीचन्द जी बज के मन्दिरों के शास्त्र भण्डारों का सूचीकरण भी हो चुका है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार जयपुर में जैन समाज की जनसंख्या जनगणना के आधार पर निम्न प्रकार मानी जाती है:
जनसंख्या
1901
8726