________________
जयपुर नगर का जैन समाज /239
आपकी माताजी का देहान्त 1976 में हुआ। बगड़ा जी का विवाह 1934 में गैंदीलाल जी छाबडा की पुत्री केचनदेवी के साथ हुआ जिनसे आपको पांच पुत्र एवं एक पुत्री की सुखद प्राप्ति हुई। सभी चारों पुत्र रलेश, अनिलकुमार, रविकुमार एवं आनन्द कुमार ज्वैलरी एवं वस्त्र व्यवसाय में संलग्न हैं सथा सबसे छोटा पुत्र सुन्दर अध्ययन कर रहा है । आपकी पुत्री बीना ने बी.ए. किया है तथा श्री ताराचन्द जी पाटनी के पुत्र रवीन्द्र कुमार से विवाह हो चुका है ।
श्री बगष्ठा जी ने बी.ए. तक अध्ययन किया और फिर मिलिट्री डिपार्टमेन्ट आर्मी मुख्यालय में 8 वर्ष तक कार्य किया। उसके पश्चात् वस्त्र व्यवसाय करने लगे। फिर फाइनेंस का कार्य किया लेकिन वर्तमान में सामाजिक कार्यों में ही समर्पित हैं।
चौड़ा रास्ता में स्थित दि. जैन मंदिर यशोदानन्द जी आपके पूर्वजों द्वारा निर्मित है। इस मंदिर के आप 20 वर्ष तक अध्यक्ष एवं मंत्री रह चुके हैं। मंदिर के जीर्णोद्धार का सभी कार्य आपकी देखरेख में सम्पत्र हुआ है । भगवान बाहुबली सहस्राब्दि महामस्तकाभिषेक समारोह सन् 1981 में आपने पूरे परिवार के साथ भाग लिया था । यति यशोदानन्द जी के मंदिर में आयोजित वेदी प्रतिष्ठा एवं कलशारोहण में आपका सक्रिय योगदान रहा।
पता : 1808 बगडा भवन,चौडा रास्ता,जयपुर। श्री जिनेन्द्र कुमार सेठी
श्री सेठी युवा चार्टर्ड अकाउंटेन्ट है। 15 जनवरी,62 को जन्मे श्री जिनेन्द्र कुमार ने 24 वर्ष की आयु में ही सी.ए., आई.सी डब्ल्यू, सी.एस.एम.की कठिन परीक्षायें पास कर ली । स्वभाव से अत्यधिक सरल एवं विनयी है। अपने पिता श्री बाबूलाल जी सेठी के पूरे गुण इनमें देखे जा सकते हैं। आपका विवाह हो चुका है । पत्नी श्रीमती आभा डाक्टर एम.बी.बी.एस. है । अमर जैन अस्पताल जयपुर में कार्यरत है। श्री जिनेन्द्र लेखक डॉ.कासलीवाल के नाती हैं।
समाज को आप दोनों पति-पत्नी से विशेष आशायें हैं। पता :- 937 सेठी भवन चौरूकों का रास्ता,जयपुर।
श्री ज्ञानचन्द चौधरी
R
LOS
जैन संस्कृति के प्रमुख केन्द्र मोजमाबाद (जयपुर) । माम में 2 मार्च सन् 1931 को जन्मे श्री ज्ञानचन्द चौधरी ने जयपुर आकर एम.कॉम.किया तथा केन्द्रीय सेवा में आडीटर बनकर कार्य करने लगे। वहां से आप पर्यवेक्षक के पद से 31-3-889 को रिटायर हो गये। आपके पिताजी श्री कस्तूरचन्द जी,माताजी श्रीमती मोती बाई दोनों का ही स्वर्गवास हो , चुका है। आपका विवाह अजना जी के साथ दिसम्बर 1952 में संपन्न हुआ। आप दोनों को एक मात्र पुत्री के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। पुत्री मंजू का विवाह हो चुका है।
श्रीमती अंजना धर्मपत्नी
श्री ज्ञानचन्द चौधरी