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230/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
रचनाओं के अतिरिक्त सुगन्ध दशमी मंडल विधान,लब्धि विधान,कर्मनिर्भरमंडल विधान आदि की भी रचना कर चुके हैं। विधि विधान कराने में आप विशेष दक्ष हैं । वेदी प्रतिष्ठा. सिद्ध चक्र विधान, नन्दीश्वर विधान, अढाई द्वीप विधान,तीन लोक विधान जैसे विधान करा चुके हैं।
अपः। ) नवम्क: 1:"2: में हुआ भवनकार्य परीय पास की और सन् 1939 में रविषेणाचार्य का पद्मपुराण एक अध्ययन पर पी-एच.डी. प्राप्त की। सन् 1947 में आपका विवाह श्रीमती मुन्नीदेवी के साथ संपन्न हुआ। मुत्रीदेवी जी भिषगाचार्य है और वर्तमान में अजमेर राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में वैद्या हैं । आपको एक पुत्र एवं दो पुत्रियों के माता पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है । दोनों पुत्रियां आयुर्वेदाचार्य है तथा वे भी राजकीय आयुर्वेदिक अस्पतालों में कार्यरत हैं।
पता- 580 गोधा भवन, गोधों का चौक, हल्दियों का रास्ता,जयपुर श्री गुलाबचन्द पांड्या
सामाजिक सेवा में संलग्न श्री गुलाबचन्द जो पांड्या 60 को पार करने वाले हैं । आप के पिताजी श्री फूलचन्द जी पांड्या खोरा वाले का स्वर्गवास सन 1969 में हो गया। आप की माता जी परम मनि भक्त थी । मुनियों को आहार दिया करती थी। उनका स्वर्गवास करीब 80 वर्ष की आयु में हुआ।
__पांड्या जी ने प्रारम्भिक शिक्षा समाप्ति के साथ ही जयपुर में सर्वप्रथम 1952 में ऊन की दुकान चौड़े रास्ता में प्रारम्भ की जो आज भी मैसर्स वर्धमान के नाम से कन होजरी का प्रतिष्ठान चला रहे हैं।
सन् 1953 में आप श्रीमती प्रेमदेवी के साथ विवाह सूत्र में बंध गये । इसके पश्चात् आप दोनों को तीन पुत्र व चार पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य मिला है। आए के दोनों पुत्र श्री विजय कुमार व राजेन्द्र कुमार ग्रेजुएट हैं तथा दोनों का विवाह हो चुका है । जो कटला पुरोहित जी में सूत का व्यवसाय कर रहे हैं। तीसरा पुत्र श्री राकेश बी.काम.कर ऊन के व्यवसाय में संलग्न है तीनों पुत्रियां अनिता, सुनिता एवं ललिता का विवाह हो चुका है । ललिता देवी संगीत एवं नृत्य में निपुण है । महिला जामति संघ की सांस्कृतिक मंत्री रह चुकी हैं।
___ पांड्या जी सामाजिक सेवा में रुचि के कारण ही विभिन्न संस्थाओं में सेवा कर रहे हैं। खास तौर से दि. जैन. अतिशय क्षेत्र बैनाड़ के चौमुखी विकास में सन 1968 से पूर्ण योगदान दे रहे हैं । वर्तमान में इस क्षेत्र के महामंत्री हैं और पाश्र्वनाथ सेवा समिति चादपोल शमशान के मंत्री हैं तथा श्री दि.जैन मुनि संघप्रबन्ध समिनि पाश्र्वनाथ श्वन के संयुक्त मंत्री हैं।
आपकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रेमदेवी भी धार्मिक कार्यों में रुचि रखती हैं इनका शुद्ध खानपान का नियम है । मुनियों को आहार देने में तत्पर रहती हैं विगत 10 वर्षों से रात्रि में जल का भी त्याग किया हुआ है।
पता- 761 पांड्या भवन,मणिहारों का रास्ता,जयपुर फोन.66334