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जयपुर नगर का जैन समाज / 201
मंत्रीगण
राजस्थान में प्रथम बार जिस जैन महिला को मंत्री मंडल में स्थान मिल पाया है वह है सुश्री पुष्पा जैन, जो राजस्थान मंत्रीमंडल में पर्यटन मंत्री हैं। सुश्री पुष्पाजी का सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में बहुत अच्छा योगदान रहा है। धार्मिक भजनों को बहुत ही आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करती हैं।
विद्वानों का नगर
जयपुर नगर को विद्वानों का नगर होने का सौभाग्य भी मिलता रहा है। इस नगर को पं. दौलतराम कासलीवाल, महापंडित टोडरमल, पं. बख्तरामसाह, पं. जयचन्द छाबडा, पं. जोधराज गोदीका, पं. नेमिचन्द, पं. सदासुख कासलीवाल, पं. बुधजन, पं. भाई रायमल्ल, पं. गुमानीराम, ऋषभदास निगोत्या, पार्श्वदास निगोत्या के अतिरिक्त पं. जवाहर लाल शास्त्री पं. चैनसुखदास न्यायतीर्थ, पं. इन्द्रलाल शास्त्री, जैसे विद्वानों की साधना भूमि रहने का सौभाग्य मिल चुका है। वर्तमान में यहां पं. मिलापचन्द शास्त्री, पं. भंवरलाल न्यायतीर्थ, डा. कस्तूरचन्द्र कासलीवाल, डा. नरेन्द्र भानावत, पं. अनूपचन्द्र न्यायतीर्थ, डा. प्रेमचन्द रांवका, डा. हुकमचन्द भारिल्ल, डा. प्रेमचन्द जैन, पं. ज्ञानचन्द बिल्टीवाला, वैद्य प्रभूदयाल कासलीवाल, डा. (श्रीमती) कोकिला सेठी, पं. रतनचन्द भारिल्ल, डॉ. बाबूलाल सेटी जैसे उच्च कोटि के विद्वान एवं विदुषियां विराजते हैं जो सदैव प्राचीन ग्रंथों के संपादन, प्रकाशन एवं शोध कार्यों में लगे हुये हैं ।
नगर की महान् दिवंगत आत्मायें
वैसे तो जयपुर प्रारम्भ से ही विद्वानों, दीवानों एवं समाज सेवियों का नगर रहा हैं जिन्होंने अपने विशाल कार्यों से सारे देश को प्रभावित किया और समय-समय पर समस्त समाज का मार्गदर्शन भी किया। विगत एक शताब्दी में होने वाली ऐसी महान आत्माओं में सर्व श्री धन्नालाल जी फौजदार, भोलेलाल जी सेठी, अर्जुनलाल जी सेठी, जमनालाल जी साह, मास्टर मोतीलाल जी संघी, बन्जीलाल जी ठोलिया, रामचन्द्र जी खिन्दूका, मुंशी प्यारेलाल जी कासलीवाल, बधीचन्द जी गंगवाल, केशरलाल जी बख्शी, गोपीचन्द जी टोलिया, श्री सुन्दरलाल
ठोलिया, डा. राजमल जी कासलीवाल जैसे समाजसेवी व्यक्ति हुये जिन्होंने अपने प्रभावक व्यक्तित्व से समाज का संचालन किया। प्रस्तुत इतिहास के लेखक ने विगत 50 वर्षों का समाज देखा है जब समाज संगठित था तथा एक ही व्यक्ति के आदेश अथवा परामर्श से समाज की गतिविधियों का संचालन होता था। लेकिन आज का समाज उस स्थिति में नहीं है । यहाँ हम कुछ ऐसे समाज सेवियों का संक्षिप्त परिचय उपस्थति कर रहे हैं जो विगत एक शताब्दी में जीवन पर्यन्त समाज सेवा में समर्पित रहे ।